धनतेरस पर दीपक जलाना क्यों जरूरी है

-

दीपावली पर्व भारत में मनाया जानें वाला सबसे बड़ा पर्व होता है, जो दीपावली के तीन दिन पहले से ही शुरू हो जाता है। इस पर्व की शुरूआत धनतेरस से की जाती है, जिसे दीपावली से ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन धन के देवता कुबेर और देवताओं के चिकित्सक आयुर्वेद के देव धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस त्योहार की सबसे बड़ी मान्यता यह है कि इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति यम के द्वारा दी जानें वाली यातनाओं से मुक्त हो जाता है। हिन्दू धर्म में धनतेरस यश और वैभव, कीर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस की शाम को दीप दान किया जाता है, माना जाता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और इससे व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती हैं।

dhanteras-puja-1Image Source:

यह भी पढ़े : इस दीवाली ट्राई करें ये लेटेस्ट खूबसूरत और चूड़िया

ऐसे करें पूजन
शास्त्रों के अनुसार धनतेरस की पूजा शाम के समय यमदेव को दीपदान के माध्यम से की जाती है। इस दीपदान को घर की गृहलक्ष्मी के द्वारा ही किया जाना चाहिए, जिससे घर के लोग रोग, विपदाओं और दरिद्रताओं के अलावा यमराज के कोप से भी बचे रहते है। ऐसा करने से पूरा परिवार स्वस्थ रहता है।
मान्यता है कि इस दिन सोने चांदी के साथ ही पीतल के बर्तनों को खरीदने से घर में सौभाग्य, स्वास्थ्य,सुख-शांति और आरोग्य प्राप्त होता है। पीतल भगवान धन्वंतरी की धातु है। इसी कारण पीतल से बने हुए बर्तन ही खरीदना शुभ माना गया है।

dhanteras-puja-2Image Source:

धनतेरस कथा
धनतेरस से जुड़ी यूं तो कई कथाएं प्रचलित है, पर इसमें यह कहानी के बारे में सभी लोग काफी पुराने समय से बताते आए है कि आज ही के दिन राजा हिम के पुत्र की पत्नी ने अपने पति की यमराज से रक्षा की थी। तभी से इस दिन लोग अपने परिवार वालों की लंबी उम्र के लिए यमराज की पूजा करते है और घर में दीया जलाते है।

ऐसे जलाएं दीपक
सांयकाल के समय में नया दीया लेकर उसमें सरसों का तेल डालकर यमराज का ध्यान करें। इसके बाद घर के लोगों की लंबी आयु की प्रार्थना करें और दीया जलाएं। दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके रखना चाहिए।

यह भी पढ़े : इस दीपावली प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं यह टिप्स

Share this article

Recent posts

Popular categories

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments