समय के साथ साथ बहुत कुछ बदल गया है। इंसानो ने अपने दिमाग और समझ की बदौलत अपने जीवन को सुखद और सरल बनाने के बहुत से साधन इजात कर लिए है उन्हीं में से डायपर भी है। वैसे तो यह एक छोटी सी चीज है मगर इसकी उपयोगिता उन माता पिता से पूछें जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं। इन डायपर्स ने उनकी जिंदगी को काफी सुखद बना दिया है। इसकी मदद से अब उन्हें रात में बार बार उठकर बच्चे के गिले कपड़े नही बदलने पड़ते हैं। साथ ही अब जब वह कहीं बाहर जाती हैं तो उन्हें बच्चे द्वारा पोटी या पेशाब करने की कोई दिक्कत भी नही रहती है। मगर देखने में आया है कि अक्सर महिलाएं डायपर बदलते कुछ आम सी गलतियां कर देती हैं। चलिए जानते है कि आपको बच्चे के डायपर को कितनी बार कब बदलना चाहिए।
1. इस समय बदले डायपर
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इस बात को तो आप सभी जानते हीं है कि डायपर में किसी सूती कपड़े के मुकाबले पानी सोखने की क्षमता काफी ज्यादा होती है। मगर आप इस बात का ध्यान रखें कि 4 से 5 बार बाथरुम के बाद आप इसे बदल दें। अब इसे जांच पाना काफी मुश्किल रहता है इसलिए आप 2 से 3 घंटे बाद ही इसे चेक कर लें, अगर आपको लगे यह ज्यादा भरा लग रहा है तो उसे बदल दें। क्योंकि अगर आप इसे चेक नही करेंगे तो गीला डायपर बंधा रहने बच्चे की त्वचा पर रैशेज आ जाएंगे।
2. सोते समय डायपर लगाती हैं तो रखें ये ख्याल
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आमतौर पर महिलाएं बच्चों को रात में डायपर पहना कर सुलाती है ताकि बच्चे बिस्तर गिला न कर दें। अगर आप भी ऐसा ही करती हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि 2-2 घंटे बाद इसे चैक करती रहें। अगर वह ज्यादा गीला हो गया हो तो उसे तुरंत बदल दे। अगर आप गिला डायपर पूरी रात बंधा रहने देती है तो इससे बच्चे की त्वचा पर खुजली, लालगी और सूजन आ जाती है।
3. किस लिए जरूरी है डायपर चेंज करना
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आपको बता दें कि इसे बदलना बेहद जरुरी रहता है। अगर आप इसे समय पर नही बदलते तो यह बच्चे की त्वचा पर फंगल इंफैक्शन पैदा कर देता है। इससे बच्चे के स्वभाव में चिड़चिड़ाहट पैदा हो जाती है। इसके लिए आप एंटी फंगल पाउडर का प्रयोग कर सकती है।