रमजान से जुड़े इन 6 सावालों के बारे में जानना, आपके लिए जरूरी

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हम सभी जानते हैं कि मुस्लिम धर्म के पवित्र महीने के रूप में रमजान पूरे विश्व में मनाया जाता है। हर किसी के साथ एक दोस्त ऐसा होता ही है जो इन दिनों में रोजे रखात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रमजान को आखिर क्यों मनाया जाता है।

अगर नहीं तो परेशान ना हो, क्योंकि आज हम आपको इस बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं। इस आर्टिकल में आपको आसानी से अपने सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।

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1. रमजान आखिर क्या होता है?

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रमजान, पैगंबर के अनुसार एक पवित्र महीने के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि रमजान के महीने में जन्नत के द्वार खुल जाते हैं और जहन्नम के द्वार बंद हो जाते हैं, वहीं इस दौरान शैतान को जंजीर में बांधा दिया जाता है। रमजान के पहले दिन, अल्लाह ने पैगंबर को कुरान पहली आयत बताई थी इस दिन को “लायत अल कदर” के नाम से जाना जाता है।

इन दिनों मुसलमान सुबह से शाम तक भूखे रहकर रोजे रखते हैं और अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताते हैं। रमजान के आखिर में, तीन दिनों का उत्सव होता है जिसे ईद उल फितर के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार सभी को एक साथ लाता है। इस दिन उपहारों का आदान प्रदान होता है और खाने के लिए बहुत अच्छी चीजें बनाई जाती हैं।

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2. रमजान में रोजों के दौरान किस प्रकार करें कार्य?

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रमजान में रोजों को इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है, इसलिए इसमें हर मुस्लिम को भाग लेना होता है। लेकिन बीमार, मासिक धर्म, बूढ़े, छोटे बच्चे, गर्भवती या फिर बीमार व्यक्ति इन रोजों को न करने की छूट दी जाती हैं।

रोजों का मूल उद्देश्य सामाजिक और आध्यात्मिक हितों में काम करना होता है। रोजे को रखने से आपको पता चलता है कि वास्तव में भूख और गरीब होना कितना मुश्किल है। यह आपको मानव कमजोरियों और जीविका के लिए भगवान पर आपकी निर्भरता के बारे में आपको संदेश देता है।

रोजों के दौरान, आपको अपने सारे नकारात्मक विचारों और भावनाओं को रोकना, कोई गपशप करना, शपथ ग्रहण करना या शिकायत करने के साथ ही यौन क्रियाकलापों, धूम्रपान या शराब पीने तक की मनाही होती है।

3. रमजान के दिन में कैसा महसूस होता है?

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अगर आप एक मुस्लिम हैं तो आपको इस प्रश्न का उत्तर अच्छी तरह से पता होगा। इस दौरान रोजेदार अपने किसी भी काम को करने से नहीं बचते हैं, लेकिन कई जगहों पर काम के कुछ घंटे कम हो जाते हैं।

आपको बता दें कि रोजा शूरू होने से पहले सहरी में रोजेदार को उच्च प्रोटीन सामग्री और पर्याप्त पानी का सेवन करना चाहिए। सुबह की प्रार्थना से आपका रोजा शुरू हो जाता है।

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4. क्या रमजान के महीने में वजन कम हो जाता है?

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मैं आपको बता दूं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप इस दौरान वजन कम कर सकते हैं, बल्कि इस दौरान वजन बढ़ भी सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप दिन की शुरूआत और अंत में काफी कुछ खा लेते हैं, जो कि आपके मेटाबोलिक सिस्टम के लिए भारी हो जाता है।
तो अगर आप रमजान के रोजे वजन कम करने के लिए कर रहे हैं तो हम आपको यही सलाह देंगे कि आप यह विचार तुरंत छोड़ दें।

5. रमजान का कलैंडर हर साल क्यों बदलता है?

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मुसलमान अपने चंद्र कैलेंडर का अनुसरण करते हैं, जो चांद के चरणों पर आधारित होता है। इस कैलेंडर में 12 महीने और 354 या 355 दिनों का होते हैं। इस तरह से इस्लामिक कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 10 11 दिन छोटा होता है। यही कारण है कि रमजान की तिथियां हर साल 11 दिन पीछे रहती है।

क्या आप जानते हैं कि आर्कटिक सर्कल के ऊपर आने वाले देशों में, जहां सूर्य वास्तव में गर्मी के दौरान कभी नहीं छिपता, वहां पर रहने वाले मुस्लिम अपने निकटतम देश के अनुसार रोजे रखते हैं।

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6. रमजान के दौरान अपने मुस्लिम मित्रों का सम्मान ऐसे करें

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आप कई तरह से अपने मुस्लिम मित्र को रमजान के दौरान खुश रख सकते हैं, जैसे कि आप अपने कार्यस्थल में खाना खाने को कम करके ऐसा कर सकती हैं। इस बात का ख्याल रखें कि आपको उनके सामने कुछ भी ऐसा नहीं खाना चाहिए, जो उनको भी पसंद हो।

यदि आप किसी डिनर पार्टी की मेजबानी करने की योजना बना रहें हैं तो उसे सूर्यास्त के बाद ही शिड्यूल करने की कोशिश करें, ताकि आपके मुस्लिम मित्र भी इसमें शामिल हो सकें और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठा सकें।

अपने मुस्लिम मित्र को रमजान की मुबारकबाद देने का कोई सही या गलत तरीका नहीं हैं, लेकिन अगर आप अपने मित्र को शुभकामनाएं देना भी चाहते हैं तो ऐसे में आप मुबारक रमजान, रमजान करीम या रमजान मुबारक कहकर शुभकामनाएं दे सकते हैं।

हम आशा करते हैं कि आपको अब रमजान के बारे में कई बातें पता चल गईं होंगी, आप भी इस त्योहार को अपने दोस्तों के साथ मना सकती हैं।

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