ऐसा कई बार होता है एसिडिटी की समस्या होने पर हम तुरंत आराम के लिए पीपीआई (प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स) दवा ले लेते हैं। पीपीआई दवाएं वही हैं जो अक्सर हम एसिडिटी के दौरान लेते हैं, जैसे कि पानी में मिलाकर पीने वाली दवाइयां जो घुलते ही बुलबुले रिलीज़ करती है। एक रिसर्च से पता चला है कि ये दवाएं लेते रहने से आपकी किडनी खराब हो सकती है। अगर आपको एसिडिटी की परेशानी है तो डॉक्टर से सलाह लें। हमेशा बिना सोचे- समझे पीपीआई दवाएं लेने से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आप इसे ले भी रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।
पीपीआई की डोज और किडनी खराब होने के बीच गहरा संबंध-
हर कोई पीपीआई दवा को लेना नॉर्मल ही समझता है, लेकिन कुछ दिन पहले हुए एक रिसर्च से यह प्रमाण मिले हैं कि अगर आप काफी समय तक यह दवाएं लेते हैं तो इससे आपकी किडनी डैमेज हो सकती है। अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रॉलजी के जर्नल में छपी इस रिसर्च से यह साफ़ पता चलता है कि पीपीआई की डोज और किडनी खराब होने के बीच गहरा संबंध है। यह रिसर्च 10,482 लोगों पर हुई है। इससे यह बात सामने आई है कि जो लोग पीपीआई लेते हैं उनमें क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) की संभावना पीपीआई न लेने वालों के मुकाबले 20-50 प्रतिशत ज्यादा होती है।
पीपीआई से हैं कई अन्य खतरे भी-
पीपीआई से कई और खतरे भी हैं। इस दवाई को ज्यादा लेने से शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी हो जाती है। अगर खून पर असर पड़ रहा है तो किडनी पर असर पड़ना लाज़मी है। पीपीआई के बारे में कई तरह की रिसर्च चल रही है। अगर पेट में कभी-कभी एसिडिटी हो तो यह एक आम बात है। इससे खाना पचने में आसानी होती है। हल्की-फुल्की एसिडिटी हो तो ऐंटासिड्स का इस्तेमाल कारगर साबित होता है, लेकिन यह दिक्कत बढ़ जाए तो अपने डॉक्टर से जांच अवश्य करवाएं।
अगर आपको एसिडिटी की समस्या ज्यादा होने लगे तो खुद से कोई दवा ना लें। कई बीमारियां ऐसी होती हैं जो देखने में सामान्य लगती हैं, लेकिन ठीक से उपचार ना होने के कारण परेशानी और बढ़ सकती है। इसलिए इस तरह की परेशानी में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें ताकि भविष्य के लिए कोई दिक्कत ना खड़ी हो।