मां बनना एक सुखद एहसास होता है। मां बनने का मतलब है एक नये जीव से अपना रिश्ता जोड़ना और नई जिम्मेदारियों से रु-ब-रु होना। अपने बच्चे के जन्म से पहले मां कई ख्वाब सजाती है। लेकिन सबसे पहले ज़रूरी है कि गर्भावस्था के दौरान महिला अपनी उचित देखभाल करे ताकि बच्चा स्वस्थ पैदा हो। आइये जानें गर्भावस्था के दौरान ऐसे कौन से व्यायाम किए जा सकते हैं जिससे प्रसव के समय कोई परेशानी नहीं हो। जानें गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाले कुछ खास व्यायाम –
गर्भकाल के समय ध्यान दें-
गर्भकाल के दौरान हल्के फुल्के काम करते रहना चाहिये क्योंकि यह शरीर के आकार एंव वजन के बदलने में काफी महत्तपूर्ण होता है। गर्भावस्था में व्यायाम करने से शरीर में जोश व स्फूर्ति बनी रहती है। साथ ही मांसपेशियों व जोड़ों का कसाव, लचीलापन व ताकत बढ़ती है। ऐंठन, कमर दर्द, वेरिकोज वेन व अन्य बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
गर्भावस्था में काम करते रहने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी बचा जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक रूप से सक्रिय रहने वाली महिलाओं का रक्तचाप और वजन भी नियंत्रित रहता है। गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम से महिलाओं के गर्भस्थ शिशु का वजन भी सामान्य रहता है।
व्यायाम करने से पहले कुछ जरूरी सुझाव
*व्यायाम करने से पहले हर गर्भवती महिला को अपने डॉक्टर की सलाह लें लेनी चाहिये। यह जानना चाहिये कि कौन सा व्यायाम आपको सूट करेगा।
*हमेशा याद रखें कसरत शुरू करने से पहले वार्मअप करें और करसरत के बाद कूल डाउन होना निहायती जरूरी होता है। कुछ साधारण कसरत और हल्के व्यायाम करें जिससे शरीर लचीला बना रहे ताकि चोटिल होने से बचा जा सके।
*फिट रहने के लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट कसरत करना ज़रूरी है। वैसे तो हर दिन कसरत करना आइडियल है लेकिन अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम सप्ताह में 5 दिन कसरत करना ज़रूरी है।
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*गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर के लिये पानी पीना बहुत जरूरी होता है और इस समय शारीरिक परिवर्तन होने के कारण अधिक पानी की आवश्कता पड़ती है। इसलिये कसरत करने से पहले और कसरत करने के बाद भी पानी की बराबर मात्रा शरीर में होनी आवश्यक है। ऐसे समय में ग्लूकोज़ का पानी ज्यादा फायदेमंद होता है। पानी हमारे शरीर की रक्त कोशिकाओं और ऊतकों में आद्रता बनाए रखने के लिए अनिवार्य है। एंव मां के दूध के लिये भी काफी जरूरी होता है।
*गर्भकाल के दौरान महिलाओं को अक्सर पीठ और कमर में दर्द की शिकायत बनी रहती है। इसके लिए उन्हें बैक एक्सरसाइज करनी चाहिये। ऐसी एक्सरसाइज को डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करना चाहिए। आप चाहें तो शॉर्ट वॉक भी कर सकती हैं।
*ऐसे समय में हल्का व्यायाम करना चाहिए और अधिक और थकाने वाले व्यायाम से परहेज करना चाहिए। खास कर गर्मी और नमी वाले दिनों में।
*व्यायाम करने के लिये तो वैसे सभी को प्रेरित किया जाता है क्योंकि यह सभी के लिये अच्छा होता है। गर्भकाल के दौरान व्यायाम आपके शरीर में रक्त का संचार सही रखता है। ताजी हवा आपके फेफड़ों तक पहुंचती है इससे आपके शरीर को और होने वाले बच्चे को काफी लाभ होता है।
व्यायाम करने के तरीके
*योग- गर्भावस्था के दौरान शरीर का आकार दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है। ऐसे समय में योगा शरीर को लचीलेपन की इजाजत नहीं देता। इन सीमाओं के बावजूद गर्भवती महिलाएं योग के कुछ चुनिंदा आसन का इस्तेमाल करके चुस्त-दुरुस्त रह सकती हैं। प्रतिदिन योगा करने से असामान्य रक्तचाप की समस्या समाप्त हो जाती है और शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा आप टी.वी. शो के माध्यम से या फिर योगा क्लास जॉइन करके आप इसका भरपूर लाभ उठा सकती हैं।
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*चलना- हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में चलना टहलना सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है। इसलिये सुबह शाम हमें टहलना चाहिये।
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*तैराकी- हमारे शरीर की कोशिकाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिये तैराकी सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है। इसके साथ इसमें आनंद भी बहुत आता है। गर्भकाल के दौरान यह काफी अच्छा व्यायाम है। इसके लिये गर्भवती महिलाओं के लिये अलग से स्वीमिग सेंटर भी बनाये गये है।
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*Weight Lifting- वजन उठाने से शरीर में जोश व स्फूर्ति बनी रहती है। साथ ही मांसपेशियों व जोड़ों का कसाव, लचीलापन व ताकत भी बढ़ती है। गर्भवती महिलाओं को इस तरह का व्यायाम करते समय थोड़ा सावधानी भी बरतनी चाहिये जिससे वजन उठाते समय कोई घटना या चोट ना लगे।
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गर्भकाल के दौरान व्यायाम करने के हल्के और जरूरी टिप्स हमारे लेख में बताये गये हैं जिसे आप देखें और परखें। ये आपके स्वास्थ के लिये उपयोगी सिद्ध होगें।