फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट की समस्या से कई महिलाओं को जूझना पड़ता है। इसमें स्तनों में गांठ बन जाती है। लेकिन यह एक सामान्य स्थिति है और ब्रेस्ट कैंसर से अलग है। यह बिमारी कई महिलाओं में देखी जाती है। खासतौर पर उन युवा महिलाओं में जो अभी हाल ही में मां बनी हैं। फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट एक या फिर दोनों स्तनों में भी हो सकता है। लेकिन यह बिमारी किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है। इस बिमारी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यह आर्टिकल पढ़ें। हम यहां आपको इस बिमारी के लक्षण और इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।
स्तन कैंसर की बिमारी से भिन्न है फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट
• फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट होने पर स्तनों में गांठ बनने लगती है। लेकिन यह बिमारी स्तन कैंसर से भिन्न है।
• स्तनों में गांठ होने को स्तन कैंसर का लक्षण माना जाता है। लेकिन सभी मामलों में स्तनों में गांठ होना कैंसर का लक्षण नहीं है।
• स्तनों में कुछ गांठें फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट के कारण भी होती हैं। ये गिल्टी जैसी होती हैं जो ब्रेस्ट में होती हैं।
• हर महीने शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंज भी फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट की वजह हो सकते हैं।
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फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट होने की वजह
फाइब्रोसिस – फाइब्रोस टिशूज असल में स्कार टिशूज के जैसे होते हैं। यह छूने में कठोर होते हैं व इनमें हल्का दर्द भी महसूस होता है। लेकिन इमसे कैंसर होने का खतरा नहीं बढ़ता।
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सिस्ट – यह एक प्रकार का फ्लुड होता है, जो स्तनों में बनता है। माइक्रोस्कोपिक सिस्ट आकार में काफी छोटे होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद ब्रेस्ट को भरने के लिए यह सिस्ट उपयुक्त नहीं होते और मैक्रोसिस्ट में बदलने लगते हैं। यह मैक्रोसिस्ट बड़े आकार के होते हैं। इन्हें आप महसूस भी कर पाती हैं। जब सिस्ट, मैक्रोसिस्ट से आकार मे बड़े होने लगते हैं तब स्तनों में गांठ उभरने लगती है। यही गांठ फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट में बदल जाती है।
फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट होने के लक्षण
• स्तनों में सूजन आना या फिर उनका आकार मे मोटा होना।
• स्तनों का आकार में बड़ा हो जाना और कठोर होना।
• स्तनों में दर्द महसूस होना।
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फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट का इलाज
• ज्यादातर मामलों में फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट होने पर इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह प्रतिदिन नियमित रूप से करने वाले व्यायाम से ही ठीक हो जाता है।
• फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट के इलाज में स्तनों की मसाज की जाती है। इलाज के इन तरीको को काफी बेहतर माना जाता है।
• अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर नीडल की मदद से ब्रेस्ट में से अतिरिक्त सिस्ट फ्लुड निकाल देते हैं।
• लेकिन अगर फ्लुड लगातार बनता रहता है तो महिलाओं को ब्रेस्ट मसाज या फिर ब्रेस्ट की एक्सरसाइज़ करने की सलाह दी जाती है।
• अगर आपको भी ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस हो तो इसे नज़र अंदाज़ ना करे। इस बारे में डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।