किसी व्यक्ति को अगर एक बार डायबिटीज़ हो जाए तो उसे उम्रभर इस रोग के साथ जीना पड़ता है। डायबिटीज़ के मरीज की ज़िन्दगी काफी मुश्किल होती है, क्योंकि उसे कई चीज़ों से परहेज करना पड़ता है। डायबिटीज़ के रोगी को पोषणयुक्त आहार और एक नियमित दिनचर्या की आवश्यकता होती है। समय पर खाना ना खाना, मानसिक तनाव, व्यायाम की कमी व मोटापा आदि ऐसे कारण हैं जिससे डायबिटीज़ होता है। यही वजह है कि डायबिटीज़ के रोगियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन अगर डायबिटीज़ को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आपको एक हेल्दी डाइट चार्ट का पालन करना होगा। शरीन में इन्सुलिन हॉर्मोन के स्राव में कमी आने से डायबिटीज़ होता है। इसके अलावा यह उम्र बढ़ने, मोटापे के कारण, तनाव या फिर अनुवांशिक भी हो सकता है। इसमें व्यक्ति को कई चीज़ों से परहेज करना पड़ता है। अगर ठीक तरह से परहेज ना किया जाए या उचित दिनचर्या का पालन ना किया जाए तो सुन्नपन, किडनी के रोग जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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ऐसा होना चाहिए डायबिटिज़ के मरीजों को खान-पान
1. एक डायबिटिज़ के मरीज को अपने खाने में कुल कैलोरी का 40 फीसदी कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों से, 40 फीसदी फैट युक्त पदार्थों से और 20 फीसदी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से लेना चाहिए।
2. साथ ही डायबिटीज़ के मरीजों को अपने आहार में उच्च गुणवत्ता व सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। इसके लिए सोयाबीन, अंडा, मछली, पनीर, दूध, दही आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए जो मरीज डायबिटीज़ की दवाइयां ले रहें हैं या इन्सुलिन का इंजेक्शन ले रहे हैं उन्हें समय पर खाना खाना चाहिए। समय पर खाना ना खाने से हायपोग्लाइसीमिया की बीमारी हो सकती है। इस वजह से ज्यादा भूख लगना, कमजोरी होना, धुंधला या डबल नज़र आना, पसीना आना, झटके आना व दिल की धड़कन का बढ़ना जैसी गम्भीर दिक्कत हो सकती है।
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3. अगर आपको अपने शरीर में हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण दिखाई दें तो अपने पास सदैव कोई मीठी चीज़ जैसे बिस्कुट, ग्लूकोज या चॉकलेट आदि रखें। जरूरत महसूस होने पर इन चीज़ों को तुरंत खाएं ताकि शरीर में शक्ति आए। इसके अलावा थोड़ी-थोड़ी देर के बाद कुछ ना कुछ खाते रहें। बहुत सारा खाना इकठ्ठा ना खाए। दो या ढाई घंटे के अंतराल के बाद कुछ खाएं।
4. वसायुक्त दूध की जगह डबल टोंड दूध का उपयोग करें। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें काफी कम कैलोरी हो, परमल, छिलके वाला भुना हुआ चना, सूप, सलाद व अंकुरित अनाज आदि को अपने आहार में शामिल करें। छाछ या दही का सेवन करें, क्योंकि इनमें ग्लूकोज का स्तर काफी कम होता है। साथ ही इससे डायबिटीज़ कंट्रोल में रहता है।
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5. आधा या एक चम्मच दरदरा पिसा हुआ मैथी दाना खाना खाने से 15 या 20 मिनट पहले लें। इससे शुगर नियंत्रण में रहती है। इसके अलावा चोकर वाले आटे की रोटी खाएं। रोटी की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाने के लिए इसमें सोयाबीन भी मिला सकते हैं।
6. तेल और घी से बनी चीज़ों का प्रयोग दिनभर में 4 चम्मच से अधिक ना करें। खाना कम तेल में और नॉनस्टिक कुकवेयर में पकाएं। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
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7. डायबिटीज़ के मरीजों को खाने से करीब एक घंटा पहले तेज गति से टहलना चाहिए। साथ ही अपनी नियमित दिनचर्या में योगा और व्यायाम भी करें। समय पर अपनी दवाइयां तथा इन्सुलिन लें। इसके अलावा डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप करवाते रहें।