पाश्चराइज्ड मिल्क को गर्म करने और न करने को लेकर लंबे समय से बहस छिड़ी हुई है। तकनीक के विकास के बाद इस तरह के सवाल हमारे दिमाग में आने लाजमी है। लेकिन इस सवाल पर बात करने से पहले हमें पाश्चराइज्ड का सही मतलब होना चाहिए।
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आपको बता दें कि 19वीं शताब्दी से पाश्चराइजेशन तकनीक को शुरू किया गया है। इस तकनीक में दूध को अधिक तापमान में गर्म करने के बाद तेजी से उसको ठंड़ा करके पैक किया जाता है। यह प्रक्रिया दूध को लंबे समय तक सही रखती है। साथ ही इसके तहत हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बैक्टीरिया को भी खत्म किया जा सकता है।
पाश्चराइजेशन का यही तरीका पूरे विश्व और भारत के कई हिस्सों में अपनाया जाता है।
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अब हम इस बात पर चर्चा करते हैं कि पाश्चराइज्ड मिल्क को गर्म करना चाहिए या नहीं। भारत में कई सालों से दूध को इस्तेमाल करने से पहले गर्म किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को आसानी से खत्म किया जा सकता है। कुछ इसी प्रक्रिया को हम आज पैकड पाश्चराइज्ड मिल्क के साथ भी अपनाते हैं। लेकिन फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के प्रोफेसर सौरभ गुप्ता के अनुसार जब हम दूध को अधिक तापमान पर गर्म करते हैं तो इससे उसे लंबे समय तक ठीक रखा जा सकता है। वहीं जब हम दूध को दोबारा से गर्म करते हैं तो इससे इसकी लंबे समय तक ठीक रखने की क्षमता में कमी आती है।
वहीं फूड सेफ्टी हेल्पलाइन (food safety helpline.com) के संस्थापक डॉ सौरभ अरोड़ा कहते हैं कि पाश्चराइज्ड मिल्क को गर्म करने कि कोई जरूरत नहीं होती है। यह पहले से ही हानिकारक कीटाणुओं से मुक्त होते हैं। अगर हम इसको घर पर दोबारा से गर्म करते हैं तो इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दूध को पैकिंग करने वाली इंडस्ट्री के अंदर इसको पहले से ही पाश्चराइज्ड प्रक्रिया से गुजरा जाता है जो दूध की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखती है।
इन गलतफहमियों के कारण हम पाश्चराइज्ड मिल्क को गर्म करते हैं-
1. यह दूध प्लास्टिक के पैकेट में होता हैं इसलिए इसे सीधे पीना सेहत के लिए खराब होगा।
2. अगर आप दूध गर्म करेंगे तो ये ज्यादा देर तक ठीक रहेगा।
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लेकिन यह सब हमारी ही गलतफहमियां हैं। आपको बता दें कि हम पाश्चराइज्ड मिल्क को 4 डिग्री के तापमान पर सात दिनों तक ठीक रख सकते हैं। लेकिन जब हम इसको बार बार गर्म करते है तो इससे दूध पोषक तत्व कम होने के साथ ही यह लंबे समय तक भी ठीक नहीं रह पाता है।