किशोरावस्था की उम्र में पहुचनें के बाद हर किसी लड़के-लड़कियों की समस्या मुहासों को लेकर बढ़ने लगती है क्योकि इस दौरान हार्मोन्स तेजी से वृदर्धि करते है जिसका असर सीधे त्वचा पर पड़ता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिये आप केमिकल पील्स, आइसोट्रेनिनोइन, बैंजोल पेरोक्साइड और सैलिसिक एसिड जैसी चीजों को भी ट्राई करते हैं लेकिन फिर भी पिम्पल की समस्या में कोई अंतर नहीं दिखाई देता। आइए जानते है एक्ने की समस्या के कारण और उसका समाधान क्या है
- हार्मोनल मुँहासे के कारण
- हार्मोनल मुँहासे होने से पहले आने वाले संकेत
- हार्मोनल मुँहासे का उपचार
हार्मोनल मुँहासे के कारण
आज हम मुँहासे के बारे में नही बल्कि हार्मोनल मुँहासे के बारे वो जानकारी दे रहे है जो आप नही जानते होगें। जानें हार्मोनल मुँहासे से जुड़ें कारणों के बारें मे..
- किशोरावस्था की शुरूआती दिनों में मासिक धर्म चक्र के दौरान हमारे शरीर में हार्मोनों के उतार-चढ़ाव तेजी से बढ़ने घटने लगते है जिनके असंतुलन से मुँहासे पैदा होते है। इस प्रकार मुँहासे के लिए जिम्मेदार प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन नामक हार्मोन होते हैं।
- अक्सर ज्यादा तनाव लेने से भी महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स के स्तर पर प्रभाव पड़ता है ज्यादा तनाव लेने से कोर्टिसोल नामक हार्मोन तेजी से बनते है जो हार्मोनल मुँहासे पैदा करने का कारण बनते है।
- महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलते रहते हैं। और कभी-कभी अत्यधिक सेबम का उत्पादन होने लगता है जो कि त्वचा के फॉलिकल को रोकता है और पिंपल्स का कारण बनता है।
ऐसे कारण जो संकेत करते है हार्मोनल मुँहासे
- किशोरावस्था के बाद हार्मोनल मुँहासे का होना
जब आप किशोरावस्था में कदम रखते है तो मासिक धर्म की शुरूआत भी होना शरू हो जाती है जिससे शरीर में कई प्रकार के रासायनिक व हारमोनल परिवर्तन तेजी से होते हैं जो त्वचा में मुहांसे को जन्म देने का कारण बनते है। ज्यादातर ये मुहासें गर्दन, जबड़े, चेहरे और ठुड्डी पर ज्यादा दिखने को मिलते है।
- ठोड़ी और जबड़े के आसपास मुंहासे अधिक होते हैं
हार्मोनल मुंहासे ज्यादातर जबड़े व ठुड्डी के आसपास ज्यादा होते है बैसे एक्ने के बढ़ने का कारण त्वचा में तेल का अधिक उत्पादन से होता है इसके अलावा हार्मोन की अधिकता तेल ग्रंथियों को उत्तेजित करती है जिससे त्वचा के रोमछिद्र बंद होने लगते है जिससे मुहासें तेजी से बढ़ने लगते है।
- मासिक धर्म से जुडे संकेत
हार्मोनल मुँहासे महिलाओं के मासिक धर्म के चक्र के अधार पर विकसित होते है हर महिने आने वाले मासिक धर्म के दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन नामक हार्मोन्स का स्तर तेजी से बढ़ता घटता है। जिससे मुहासें हर महीने फिर से उसी जगह दिखाई देते हैं। जहां पर वो अक्सर निकलते है।
- जब आप तनाव में रहते हैं
जब हम अधिक तनाव में होते है तो हमारे शरीर में कॉर्टिसॉल या स्ट्रेस हार्मोन्स तेज़ी से विकसित होने लगते हैं जो हार्मोनल एक्ने के बढ़ने का कारण बनता है
- यह व्हाइटहेड्स या ब्लैकहेड्स भी हो सकते है
हार्मोनल मुहासें व्हाइटहेड्स या ब्लैकहेड्स के समान ही दिखते है। ब्लैक हेड्स त्वचा की सतह पर उपर की ओर खुले होते हैं और वे ऑक्सीजन के प्रभाव के कारण काले दिखते हैं। और व्हाइटहेड्स त्वचा के पिंपल्स के ऊपरी ओर मौजूद हल्के सफेद रंग की लेयर होती है जिसे क्लोज़्ड कमडोन्स भी कहा जाता है
हार्मोनल मुहासों के प्रकार
ब्लैकहैड्स: इस प्रकार के मुहासों का ऊपरी हिस्सा खुला होता है जिससे इसकी सतह पर काले रंग वाला एक विशिष्ट पदार्थ दिखाई देता है।
व्हाइटहेड्स: यह ब्लैकहेड्स के विपरीत होता है इसका ऊपरी भाग बंद हो जाता है और त्वचा के थोड़ी सी जगह पर फैला हुआ है। इसके लिए सैलिसिलिक एसिड वाले उत्पाद उपयोगी होते हैं
पेप्युल्स: छोटे, उभरे हुए लाल-लाल धब्बे, त्वचा में संक्रमण होने से सूजन
पुस्टूल: छोटे, लाल मवाद से भरे दाने
सिस्ट: त्वचा के अंदर की ओर बनने वाली बड़ी गांठ होती है। जो मवाद से भरी होती है और छूने पर काफी दर्दनाक होती है
हार्मोनल मुहासों का उपचार कैसे करें..
बैसे तो चेहरे पर होने वाले हार्मोनल मुंहासे का उपचार काफी अच्छे और बेहतर तरीके से हो सकता है इससे इसके इलाज करने के कई तरीके हैं। यदि आपके चेहरे पर गहरे सिस्टिक पिंपल्स महसूस हो रहे है ओर वो ओटीसी उपचार से भी सफल नही हो पा रहा है तो ये तो लक्षण थायराइड या असामान्य हार्मोनल होने के संकेत हो सकते है। इसके लिये आप त्वचा विशेषज्ञ की सलाह ले।
यहाँ हम कुछ ऐसे उपचार के बारे में बता रहे है जो आपके लिये कारगार साबित हो सकते है। जानें इसके बारें में..
- ओवर द काउंटर क्लीन्ज़र
चेहरे पर हो रहे मुंहासे से छुटकारा पाने लिये ओवर द काउंटर दवाओं का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा आप सैलिसिलिक एसिड या ग्लाईकोलिक एसिड का भी उपयोग कर सकते है। ये क्लींजर ज़्यादा फायदेमंद होते है क्योंकि इनमें एन्टिबैक्टीरियल के गुण होते है जो मुंहासों के लिये सबसे अच्छा काम करता है और त्वचा को ताजगी देता है इसमें डीप पोर क्लीनिंग के लिये एक्सफॉलिएटिंग गुण भी होते हैं।जो त्वचा में जमा होने वाले बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में प्रभावी हैं। यह पीएच स्तर को भी बनाए रखने में मदद करता है।
- रेटिनोइड्स:
हार्मोनल मुँहासे के उपचार का सबसे खास तरीका है टॉपिकल रेटिनोइड्स। रेटिनॉइड्स आपकी त्वचा की मृत त्वचा कोशिकाओं को बाहर निकालने में मदद करता हैं और नई त्वचा के पुननिर्माण में मदद करता है। इसका उपयोग करने से त्वचा के दोष दूर होते है। और मुहासें की समस्या को कम करने में मदद करते है।
- संयुक्त मौखिक गर्भ निरोधक (Combined oral contraceptives)
संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधक दवाये महिलाओं और लड़कियों में मुहासों के इलाज में उपयोगी होते हैं। इसका उपयोग करने से काफी हद तक आप इससमस्या से झुटकारा पा सकते है क्योकि चेहरे में मुहासों को बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हार्मोन्स का असंतुलित होना सबसे बड़ी बजह बताया गया है। यदि आप contraceptive Pills का इस्तेमाल करते है तो इससे आपके हार्मोन्स का संतुलन बना रहेगा। इसके अलावा इनकी वजह से एस्ट्रोजेन्स कम स्त्रावित होगें। और मुहासों की समस्या से भी निजात मिलेगा।
- एंटीड्रोजेन ड्रग्स
एंटीड्रोजेन ड्रग्स का इस्तेमाल करने से ये त्वचा में विकसित होने वाले अतिरिक्त एण्ड्रोजन हार्मोन्स को कम करने में मदद करते हैं जिनके परिणामस्वरूप हार्मोनल मुँहासे होते हैं। ये तेजी से शरीर में बढ़ रहे टेस्टोस्टेरोन के प्रभाव को कम करके नई कोसिकाओं के पुनर्निर्माण में मदद करते है। बैसे इसकी खुराक लेने से ही त्वचा में त्ल का स्त्राव कम होने लगता है जिससे मुहांसे का निकलना कम हो जाता है। अगर मौखिक एंटीबायोटिक दवाएं मदद नहीं कर रही हैं तो स्पिनोनोलैक्टोन (एल्डिटेनोन) दवा को महिलाओं और किशोर लड़कियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- Accutane
यह दवा त्वचा में निकलने वाले गंभीर मुंहासे को कम करने का सबसे बढ़िया उपचार है। Accutane में मुख्य रूप से विटामिन ए के गुण पाये जाते है जो त्वचा में निकलने वाले तेल ग्रंथियों को कम करने में मदद करते है। और नई सेल बनाने में मदद करते है। इसका उपयोग गंभीर मुँहासे के उपचार में किया जाता है। यह काफी स्ट्रांग होती है जिसके कई दुष्प्रभाव हैं और इसी कारण इसका उपयोग केवल तभी ही किया जाता है जब आप अन्य उपचार लेने के बाद भी कोई सफलता नही मिल पा रही हो। इसका उपयोग विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ना लेने की सलाह दी जाती है। नही तो इससे गर्भापात होने की सम्भावनाएं बढ़ सकती है।