बच्चे बड़े ही नाजुक होते है बचपन के समय में उन्हें जिन आदतों में ढाला जाए, वे उसी के अनुसार ढल जाते है, पर अक्सर आपने देखा होगा कि हर बच्चे एक ही स्वभाव के नहीं होते, सभी के स्वभाव में काफी अंतर होता है। कुछ चंचल होते है तो कुछ हठीले, कुछ शांत स्वभाव के होते हैं, तो कुछ बच्चे छोटी उम्र से ही अकेले रहना पसंद करते हैं।
स्वभाव के अनुरूप ही ऐसे बच्चे अकेले रहना पसंद करते है। अकेले बैठ कर ड्रांइग करना, गाने सुनना या कुछ पढ़ते रहना। इनकी ये आदतें घर के लोगों को परेशान कर देती है। हर मां बाप को इस तरह के लक्षणों से परेशानी होने लगती है। दूसरे लोगों के साथ न घुलने-मिलने के कारण वे टेंशन में आ जाते हैं, लेकिन जरूरी नहीं ये बच्चे पूरी जिंदगी इंट्रोवर्ट ही रहें। बढ़ती उम्र के साथ बच्चे एक्सट्रोवर्ट यानी दूसरों के साथ बातचीत करने लगते हैं। अगर आपका बच्चा दूसरों से बातचीत करने की बजाय खुद में रहना पसंद करता है, तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। इन कुछ बातों पर ध्यान दें-
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बच्चे के आत्मविश्वास को खोने ना दें-
अगर आपके बच्चे का स्वभाव और बच्चों से अलग हो तो इसके लिए आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, ऐसे समय में आप अपने बच्चे का विशेष ध्यान रखें उसे डांटने की अपेक्षा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें और बताएं कि तुम जैसे भी हो बहुत अच्छे हो। इस तरह से आपका बच्चा अच्छा महसूस करेगा और वो अपनी ताकत को पहचानेगा। वो इस बात को समझेगा कि उसे किसी बच्चे की कॉपी करने या उस जैसा बनने की एक्टिंग करने की कोई जरूरत नहीं है।
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प्यार के साथ बच्चे का मनोबल बढ़ाएं
जो बच्चे खुद को दूसरों से अलग रहना पंसद करते है। ऐसे बच्चों को डांटे नहीं उनके मन की गहराईयों को पहचानने की कोशिश करें और उनकी पंसद को जानें कि वो क्या करना चाहते हैं। उसके अनुरूप ही उससे बाते करें, उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय दें। बच्चों से लगातार बात करते समय उन्हें बताइए कि दूसरों से बातचीत करना, उनके साथ मिलना-जुलना एक लाइफ स्किल है, जो समाज में रहने के लिए बहुत जरूरी है। ऐसे बच्चों को एक साथ बहुत सारे कार्य करने को मत कहिए, उन्हें हर हफ्ते के लिए एक प्रोजेक्ट या एसाइनमेंट दें, जिनसे बच्चे का सोशल कॉन्फिडेंस बढ़ने लगे। इसमें बर्थडे पार्टी का हिस्सा बनना, स्कूल असेंबली में बोलना या फैमिली फंक्शन में परफॉर्म करना शामिल होगा।
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हमेशा खुशियां बाटें
ये बात सही है कि एक्सट्रोवर्ट लोगों को ज्यादा ही पसंद किया जाता है,पर क्या आप जानते है कि इंट्रोवर्ट लोग ग्रेट थींकर होते हैं, क्योंकि ऐसे लोग हमेशा ही एक कोने में शांत बैठकर वे खुद के भीतर झांकते रहते हैं। वे दुनिया को एक्सट्रोवर्ट लोगों की अपेक्षा बेहतर तरीके से समझते हैं। इसलिए बच्चों का नेचर जैसी भी हो, उनके साथ सेलिब्रेट करिए। इंट्रोवर्ट बच्चे भी इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराने की क्षमता रखते है, जिसे नाकारा नहीं जा लकता है। इनका यही सबसे बड़ी विशेषता रहीं है।
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