नुकसानदेह है कड़ाही में बचे तेल का दोबारा उपयोग करना

-

बहुत कम ऐसे भारतीय व्यंजन हैं जिन्हें बिना तले बनाया जाता है। पूड़ीकचौड़ी से लेकर समोसेपकौड़ों तक सब कुछ तेल में ही फ्राई किया जाता है। तेल के इस्तेमाल के बिना हमारा खाना अधूरा है। चाहे कोई भी मौका हो शादीब्याह या कोई त्यौहार लगभग हर प्रकार के खाने को बनाने में तेल का इस्तेमाल होता है।

हममें से कई लोग ऐसे हैं जो कड़ाही में बचे तेल का दोबारा से उपयोग करते हैं। इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं माना जाता। कड़ाही में बचे तेल का दोबारा या कई बार उपयोग करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप भी ऐसा करने से नहीं हिचकिचाती तो इन बातों पर जरूर ध्यान दें। बचे हुए तेल का इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

बचे तेल का इस्तेमाल क्यों हानिकारक है

ज्यादातर सभी को तेल में फ्राई किए हुए स्नैक्स बहुत पसंद होते हैं। गृहणियों द्वारा बचे तेल का इस्तेमाल करना भले ही घर चलाने का या बचे हुए खाना का सही इस्तेमाल समझा जाये लेकिन इस तरह से बचे तेल का उपयोग कैंसर का कारण बन सकता है। तेल को बारबार उबालने से उसमें कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व आ जाते हैं। जिस वजह से शरीर में गॉल ब्लैडर या पेट का कैंसर होने का खतरा पैदा हो जाता है।

reusing oil1Image Source:https://lustycare.com/wp-content

क्यों हो सकता है शरीर के लिए खतरा

एक ही तेल से बारबार खाना पकाने से यह तेल कई बिमारियों का घर बन जाता है। ऐसे तेल में धीरेधीरे फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं। इन रेडिकल्स के रिलीज़ होने से तेल में एंटी ऑक्सीडेंट ख़त्म हो जाते हैं और यह बचा हुआ तेल कैंसर का कारण बन सकता है। इसके अलावा तेल को बारबार गर्म करने से उसकी गंध भी ख़त्म हो जाती है। कड़ाही के तले में फैट जमने से कड़ाही का तला काला हो जाता है। यह फैट खाने में चिपक कर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इस तरह के खाने से शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है। जिस वजह से आपका मोटापा भी बढ़ सकता है। साथ ही कई और परेशानियां जैसे एसिडिटी और दिल की बीमारी भी हो सकती है।

weightImage Source:https://images.wisegeek.com/

सही तेल का इस्तेमाल करें

एक रिसर्च के मुताबिक तेल को बारबार गर्म करने से एचएनई पदार्थ यानि कि विषैले पदार्थ बनने लगते हैं। यह विषाक्त पदार्थ तेल में काफी मात्रा में पाए जाते हैं। जितनी बार तेल गर्म होता है। उतनी ही बार यह विषाक्त पदार्थ तेल में और ज्यादा रिलीज़ होते हैं। सरसों के तेल की अपेक्षा ग्रेपसीड ऑयल, सनफ्लावर, कॉर्न ऑयल जैसे तेलों में लिनोलेइक एसिड की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इस तरह के तेल का इस्तेमाल डीप फ्राई करने के लिए नहीं करना चाहिए।

Fresh OilImage Source:https://www.google.co.in/

तेल में फैट दिखे तो ना करें दोबारा उपयोग

बचे हुए तेल के इस्तेमाल से पहले इस बात की पुष्टि जरूर कर लें कि तेल में गाढ़ा काला फैट ना जमा हो। अगर कढ़ाई में चिपचिपा कालापन दिखने लगे तो इस तेल का इस्तेमाल ना करें। इस तेल का उपयोग करना कई तरह की बिमारियों को न्यौता देने जैसा होगा। ऐसे तेल में कई विषाक्त पदार्थ घुले रहते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ऐसे तेल का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें और बिना झिझके इसे फेंक दें।

कुकिंग ऐसी होनी चाहिए जिसमें स्वाद के साथसाथ सेहत का भी ख्याल रखा गया हो। अच्छा खाना वही होता है जिसमें सेहत और स्वाद दोनों का मेल हो।

Naina
Nainahttps://hindi.blushin.com
"जिंदगी कितनी खुबसूरत है ये देखने के लिए हमें ज्यादा दूर जाने की जरुरत नहीं है, जहाँ हम अपनी आंखे खोल ले वहीँ हम इसे देख सकते है ।"

Share this article

Recent posts

Popular categories

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments