कौसानी एक अत्यन्त खूबसूरत पर्वतीय स्थल है। यह उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है। यह समुंद्रतल से करीब 6075 फीट की ऊंचाई पर बसा है। कौसानी से ना सिर्फ विशाल हिमालय बल्कि नंदा देवी, त्रिशूल और नंदाकोट के पर्वतों का सुन्दर नज़ारा देखने को मिलता है। कौसानी पहाड़ की चोटी पर बसा है और चीड़ के घने वृक्षों से घिरा है। यहां से गरुड़, बैजनाथ और सोमेश्वर की खूबसूरत घाटियों का नज़ारा दिखता है।
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एक समय पर कौसानी अल्मोड़ा जिले का ही हिस्सा हुआ करता था। उस समय इसे वलना कहा जाता था। अल्मोड़ा तब कत्यूरी के राजा बैचलदेव के अधिकार में था। बाद में राजा ने अल्मोड़ा का एक बहुत बड़ा हिस्सा श्री चंद तिवारी को भेंट कर दिया। वह एक गुजराती ब्राह्मण थे। इस जगह की अद्भुत सुंदरता से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने इस जगह को भारत के स्विट्ज़रलैंड की संज्ञा दी थी। आज यह जगह काफी प्रसिद्ध है और पूरी दुनिया से लोग यहां छुट्टियां बिताने आते हैं।
कौसानी के समीप के स्थल
कौसानी अपने सुन्दर मंदिरों, चाय के बागानों और आश्रमों के लिए काफी प्रसिद्ध है। महात्मा गांधी एक बार यहां के अनाशक्ति आश्रम में रूके थे, जो आज काफी प्रसिद्ध है। आज यह स्थान एक अध्ययन व शोध केंद्र के तौर पर विकसित हो चुका है। इस जगह का निर्माण कैथरीन हिलमन ने करवाया था, वह महात्मा गांधी की अनुयायी थीं। इस आश्रम को सरला आश्रम भी कहा जाता है।
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कौसानी के प्रमुख मंदिर कोट भ्रामरी मंदिर, बैजनाथ, शिव मंदिर, पिन्नाथ मंदिर और रुद्रहरि महादेव मंदिर हैं। पिन्नाथ मंदिर समुद्र तल से करीब 2750 मीटर की ऊंचाई पर है। इस मंदिर में खासतौर से हिन्दू देवता भैरों की पूजा की जाती है। इसके अलावा सोमेश्वर शहर में प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह कौसानी से करीब 11 किमी दूर स्थित है। इस मंदिर को चंद वंश के सम्राट और संस्थापक सोमचन्द ने बनवाया था। हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्मभूमि भी कौसानी ही है। उनके नाम पर यहां एक संग्राहलय भी बनवाया गया है। इसे सुमित्रानंदन पंत गैलरी कहा जाता है।
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एडवेंचर के लिए है बेहतर जगह
जिन लोगों को एडवेंचर पसंद है उनके लिए यहां रॉक क्लाइंबिंग और ट्रैकिंग जैसे विकल्प भी मौजूद है। पिण्डारी ग्लेशियर ट्रेक, सुंदर धुंगा ट्रेक और मिलम ग्लेशियर ट्रेक को सबसे बेहतर ट्रैकिंग रूट्स में से एक माना जाता है।
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कैसे जाएं कौसानी
देश के कई अलग-अलग हिस्सों से कौसानी रेल, हवाई व सड़क मार्ग के द्वारा पहुंचा जा सकता है। पंतनगर एयरपोर्ट यहां का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है। यह देश के कई अन्य शहरों से जुड़ा है। इसके अलावा काठगोदाम यहां से सबसे करीब रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम स्टेशन दिल्ली, हावड़ा, लखनऊ जैसे शहरों से जुड़ा है। इसके अलावा कौसानी बस स्टॉप भी कई शहरों के साथ सीधे जुड़ा है।
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कौसानी जाने के लिए सबसे उपयुक्त समय
अप्रैल से जून के मध्य में सबसे अधिक पर्यटक कौसानी घूमने जाते हैं। इस समय पर यहां का मौसम बहुत अच्छा रहता है।