विवाह के समय जब एक पुरुष स्त्री को मंगल सूत्र बांधता है तो इसका मतलब होता है कि उन दोनों का एक दूसरे से न सिर्फ शारीरिक बल्कि भावनात्मक बंधन बंध गया है। इसके बाद वे जन्म जन्मान्तरों के लिए एक दूसरे से साथी बन गए हैं तथा एक दूसरे के हर कार्य में भागीदार हो जाते हैं। दो लोगों का इस प्रकार एक सूत्र में बंधना मंगल सूत्र कहलाता है लेकिन इसके प्रतीक के रूप में एक धागे को स्त्री के गले में पुरुष पहनाता है। आपको बता दें कि इस धागे को बनाने के पीछे भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण होता है। आज हम आपको मंगल सूत्र से जुड़ी एक प्राचीन कथा के बारे में बताने जा रहें हैं ताकि आप भी जान सकें की आखिर मंगल सूत्र के प्रचलन का आखिर क्या कारण है। आइये जानते हैं इस घटना के बारे में।
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मंगल सूत्र के प्रचलन की घटना –
राजस्थान में विक्रमादित्य नामक एक राजा हुए थे। उनकी रानी उनको काफी प्रेम करती है तथा सदैव उनके बारे में सोचती रहती थी। उस समय के राजा कई कई पत्नियां रखते थे। राजा को रानी का इतना प्रेम करना बेवकूफी भरा ही लगता था लेकिन रानी सदैव उनको सामान भाव से प्रेम करती थी। राजा के पास एक मैना का जोड़ा था। एक दिन मादा मैना की मृत्यु हो गई। इसके बाद मैना के साथी ने खाना पीना छोड़ दिया। राजा ने उसको खाना खिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन उसने खाना नहीं खाया और 2 दिन बाद वह भी मृत्यु को प्राप्त हो गया।
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राजा के ऊपर इस घटना का बहुत गंभीर असर हुआ। उसने इस घटना को रानी को बताया। रानी ने कहा जब कोई किसी को समर्पित होकर प्रेम करता है तो उसके जानें के बाद दूसरे साथी से भी उसकी जुदाई बर्दाश्त नहीं होती है। राजा ने रानी से पूछा कि क्या तुम मुझको भी इसी प्रकार से प्रेम करती हो तो रानी ने “हां” में जवाब दिया।
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एक दिन राजा विक्रमादित्य शिकार खेलने के लिए जंगल में गए। वहां उन्होंने रानी की परीक्षा लेने की बात सोची। उन्होंने अपने कपड़े खून में रंगवा कर महल भिजवा दिए। महल में यह बात कहने को बोल दिया की राजा को शेर ने मार डाला। जब ये कपड़े रानी को दिखाए गए तो रानी ने बिना दुःख प्रकट किये वे कपड़े ले लिए तथा चिता में कपड़े रख कर उसमें खुद भी भस्म हो गई। राजा को जब यह बात पता चली तो वे बहुत दुखी हुए कि उनके मजाक के कारण रानी की जान चली गई। दरअसल रानी ने केवल अपने शब्दों को सही सिद्ध किया कि जो लोग एक दूसरे समर्पित होकर प्रेम करते हैं वे एक दूसरे की जुदाई को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। मंगल सूत्र रानी के उसी प्रेम के बंधन का प्रतीक है |