भारतीय समाज के निर्माण में जितना योगदान पुरुषों ने दिया है, उतना ही योगदान महिलाओं का भी रहा है। आज के समय में प्रत्येक क्षेत्र में महिलायें भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी न हो। भारत की महिलायें प्रत्येक क्षेत्र में अपना दमखम दिखा चुकी हैं। आइये जानते हैं राजनीति की 5 सबसे ताकतवर भारतीय महिलाओं के बारे में।
1 – इंद्रा गांधी
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ये भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। यह अब तक की एकलौती महिला प्रधानमंत्री रही है जिन्होंने 2 बार भारत के पीएम पद के चुनाव जीते है। इंद्रा गांधी पहली बार 24 जनवरी 1966 को देश की प्रधानमंत्री बनी तथा दूसरी बार 31 अक्तूबर 1984 को। इसके अलावा अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने विदेश मंत्री, गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री का पद भी संभाला। उनकी राजनितिक प्रतिभा तथा दृढ़ता के कारण उनको “आयरन लेडी” का संबोधन दिया गया।
2 – सोनिया गांधी
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सोनियां गांधी, इंद्रा गांधी की बहू हैं और उन्होंने 1997 से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था। 2004 तथा 2009 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने बहुत अच्छी सफलता प्राप्त की थी। सोनिया गांधी वह पहली भारतीय महिला हैं जो कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर इतने लंबे समय तक बनी रहीं।
3 – सुषमा स्वराज
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आपातकाल के बाद सुषमा स्वराज ने 2 बार हरियाणा विधान सभा से चुनाव जीता। वे चौधरी देवीलाल की सरकार में महज 25 वर्ष की उम्र में हरियाणा की केबिनेट में श्रम मंत्री रही थी, जोकि अपने आप में एक रिकार्ड है। वर्तमान में वे भारत की महिला विदेश मंत्री हैं।
4 – ममता बनर्जी
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इन्होने 1970 में अपना राजनितिक कैरियर कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर शुरू किया था। ममता बनर्जी 1976 से 80 तक महिला कांग्रेस की महासचिव के पद पर रहीं। 1984 में वे जादवपुर लोकसभा सीट से जीती तथा देश की सबसे युवा सांसद बनी। 1991 में ममता ने दक्षिण कोलकाता से फिर से जीत हासिल की और सांसद बनी। वर्तमान में वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं।
5 – मायावती
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ये बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष हैं तथा उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री रह चुकी हैं। मायावती देश की सबसे युवा मुख्य मंत्री का गौरव पा चुकी हैं साथ ही वे देश की पहली दलित मुख्य मंत्री भी रह चुकी हैं। मायावती 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री रह चुकी हैं। एक शिक्षिका के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली मायावती ने काशीराम के साथ राजनीति में कदम रखा और उसके बाद में वे राजनीति की सीढ़ियां चढ़ती चली गईं।