कई ऐसी मान्यताएं है कि जूठा खाने से आपसी प्रेम बढ़ता है। इस कारण देखने में आता है कि कई बार प्रेमी प्रेमिकाएं या पति पत्नी एक दूसरे का जूठा खा लेते हैं। हर दुसरा आदमी आज यही मानता है कि जूठा खाना दो लोगों के आपसी प्रेम को बढ़ाता है। आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता बल्कि जूठा खाने से आपका दुर्भाग्य बढ़ता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र इस बात की पुष्टि भी करता है। इसी कारण एक दूसरे का जूठा भोजन करने से मना किया जाता है। भारतीय ज्योतिष में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि यदि आप भोजन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप देवी देवताओं की कृपा भी सहज पा सकते हैं। असल में हिंदू धर्म भोजन को न सिर्फ अन्न मानता है बल्कि उसको पूजनीय भी मानता है। यदि आप किसी का जूठा भोजन करते हैं तो आप अपने ही हाथ से अपने दुर्भाग्य को निमंत्रण दे देते हैं। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं कि आपको जूठा भोजन क्यों नहीं करना चाहिए।
इसलिए नही करना चाहिए जूठा भोजन
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जिस प्रकार भोजन करते समय बात करना या टीवी देखना अथवा संगीत सुनना सही नही माना जाता है। उसी प्रकार किसी का भी जूठा भोजन करना भी सही नहीं माना गया है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली का दुसरा भाव उसके जीवन में मिलने वाले सुखों, जुबान, वाणी तथा धन की बचत से सम्बंधित होता है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य का जूठा भोजन करता है तो उसकी कुंडली का दुसरा भाव प्रभावित हो जाता है। इस कारण उसकी जुबान तथा धन आदि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस कारण व्यक्ति के जीवन में न सिर्फ धन का आभाव हो जाता है बल्कि उसकी वाणी में भी कर्कशता आ जाती है।
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धीरे धीरे उसके घर में भी कलह बढ़ने लगता है तथा व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आने लगती हैं। जिस किसी व्यक्ति का जूठा भोजन हम करते हैं उसके नकारात्मक संस्कार हमारे मन में आने लगते हैं। जूठा खाने वाले व्यक्ति का धन संचय कभी नहीं हो पाता है। आज के समय में बहुत से लोग प्यार मुहब्बत में आकर जूठा खा लेते हैं। यदि आप अपने जीवन में दुर्भाग्य से बचना चाहते हैं तो आपको जल्दी से जल्दी अपनी इस आदत को बदल लेना चाहिए।