आपका बेबी भी डालता हैं मुंह में अंगुली, तो जानें इसका बुरा असर.

-

बच्चों के बचपन की हरकतों को देखा जाये, तो यह काफी मनमोह लेने वाली होती है जिनकी नादानियों से हर उम्र के लोग आकर्षित होकर खिलखिलाने लगते है पर क्या आप जानते है कि इन्ही नादनियों में कुछ ऐसी हरकते भी छिपी होती है जिसे हम अनदेखा कर जाते है और ये आदत उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती है।

कई बार आपने देखा होगा, कि 2 से 6 माह के बच्चों को अक्सर अपने मुंह में अंगुली डालने की आदत सी हो जा

ती है। जो एक सामान्य बात होती है लेकिन यही आदत काफी समय तक बनी रहे, तो यह आपके लिये काफी बड़ी समस्या भी बन सकती है। जिससे इन बातों को अवॉइड नहीं करना चाहिए।

 मुंह में अंगुली

आइये, आज हम आपको बच्चों के मुंह में उगंली डालने से जुड़ी उन समस्याओं से अवगत करा रहे जो कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकती है।

पेट से जुड़ी समस्या –

पेट से जुड़ी समस्या

अक्सर देखा जाये तो हर छोटे बच्चे पूरे दिन हाथों और पांवों के बल पूरे घर पर घूमते हुए रहते हैं। जिससे उनके हाथ बैक्टीारिया और कीटाणुओं के सम्पर्क में आ जाते हैं और यही हाथ की उंगलियां जब उनके मुंह के अंदर जाती है। तो उनके हाथ में होने वाले बैक्टीरिया और कीटाणु उनके मुंह के जरिए पेट में चले जाते हैं और यही बैक्टीरिया पेट से जुड़ी कई समस्यों का कारण बन जाते हैं।

दांतों का उबड़ खाबड़ होना –

दांतों का उबड़ खाबड़ होना

लगातार अंगूठा चूसते रहने के वाले बच्चों के दातों पर भी इसका गहरा असर पड़ता है। उनके बचपन में निकलने वाले दांत उबड़ खाबड़ (protruded teeth)होते  हैं, जो फिर कभी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते हैं।

शब्दों के उच्चारण में परेशानी –

शब्दों के उच्चारण में परेशानी

लगातार अंगूठा चूसते रहने की वजह से बच्चे कुछ शब्दों का उच्चारण सही तरीके से नही कर पाते। उन्हें कुछ शब्दों को बोलने में बड़ी ही परेशानियां का सामना करना पड़ता है।

कुपोषण का शिकार –

कुपोषण का शिकार

अंगूठा चूसने वाले बच्चों का स्वभाव देखा जाये, तो खाने के प्रति इनकी रूचि कम होती हैं जिससे वो कुपोषण (malnutrition) का शिकार बन जाते है

अंगूठा चूसने के कारण –

 अंगूठा चूसने के कारण

बच्चों को अंगूठे को चूसने के क्या कारण हो सकते है इसे समझना काफी जरूरी है।

  • अक्सर देखा जाये, तो अगूठे को चूसना बच्चों की एक स्वाभाविक प्रक्रिया होती है जो कि कुछ समय के बाद छूटने भी लगती है। परतुं जब यह प्रक्रिया जब बडें तक भी बनी रहे, तो यह आदत बन जाती है। यह आदत बच्चों में भूख से उत्पन्न नैराश्य दूर करने के लिए होती है।
  • कुछ बच्चों में मानसिक दवाओं के चलते अंगूठा चूसने की आदत बन होती है।
  • कुछ बच्चे में माता-पिता के प्रति प्रेम की कमी, मानसिक असुरक्षा, आकुलता, व्यग्रता, की वजह से इस आदत के शिकार हो जाते हैं। ऐसे बच्चों के लिए यह आदत मानसिक सुरक्षा के लिये एक कवच का काम करती है।

छुड़ाने के उपाय –

छुड़ाने के उपाय

  • बच्चे को इस आदत से छुटकारा दिलाना चाहते है तो उन्हे मानसिक रूप से तैयार करें। बच्चे को डाटने की बजाय प्यार दे।
  • कई बार बच्चो को यह आदत उनके बाल को पकड़ने या नाक को रगड़ने के कारण होती है। यदि आप इन आदतों को बंद कर दें तो अंगूठा चूसने की आदत खुद ब खुद छूट जायेगी।

नोट –

यदि आपका बच्चा 4 साल की उम्र तक अंगूठा चूसता हैं तो यह एक सामान्य आदत मानी जाती है, पर यही आदत यदि 6 साल की उम्र के बाद भी चले, तो आपको तुंरत दांतों के डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए ताकि आप समय रहते ही अपने बच्चों के दांतों पर होने वाले कुप्रभाव को रोक सके।

Share this article

Recent posts

Popular categories

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments