बदलते वक्त के साथ-साथ आजकल मार्किट में कई तरह के सैनेटरी नैपकिन्स आ गए हैं। जो आपको महीने के उन मुश्किलों दिनों में टेंशन फ्री रखने का दावा करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि उन मुश्किल दिनों में आपको टेंशन फ्री रखने वाले ये सैनेटरी नैपकिन्स आपके लिए कई परेशानियां भी खड़ी कर सकते हैं। नहीं ना, फिर तो आपको ये जानकर भी बड़ा धक्का लगेगा की इन सैनेटरी नैपकिन्स के इस्तेमाल से कैंसर और यीस्ट इंफेक्शन जैसी बीमारियां भी हो सकती है।
Image Source: https://www.janmarg.in/
हमें अच्छे से पता है की महीनों के उन दिनों की परेशानियों को दूर करने के लिए महिलाएं और लड़कियां सैनेटरी नैपकिन्स का इस्तेमाल करती है। लेकिन उनमे से बहुत ही कम ऐसी महिलाएं और लड़कियां होंगी जो इन सैनेटरी पेड्स से होने वालों खतरों से वाकिफ होगी। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि सैनेटरी पेड्स की कम जानकारी और और उसका गलत इस्तेमाल आपकी सेहत पर काफी भारी पड़ सकती है।
सरवाइकल कैंसर
सबसे पहले बता दे की सैनेटरी पेड्स को बेहतर बनाने यानि की एब्जॉर्बिंग(सोखने) के लिए इसमें सेल्यूलोज का इस्तेमाल किया जाता है। जो सेहत के हिसाब से बिल्कूल भी सही नहीं है। वैसे भी आजकल महिलाओं में सरवाइकल कैंसर के ज्यादा लक्षण पाए जा रहे हैं। ऐसे में महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले सरवाइकल कैंसर के पीछे की एक वजह ये भी होती है।
Image Source: https://www.wisdomwithin.co.uk/
कई सारी बीमारियां
आपको पता ना हो तो बता दें कि सैनेटरी पेड्स और टैम्पून्स में डायोक्सिन होता है जो रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के आसपास बेवजह के सेल्स की ग्रोथ को बढ़ाने का काम करता है। वहीं एब्जॉर्बिंग पावर को बढ़ाने के लिए इसमे रेयोन और डियोक्सिन का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसके अलावा इसमें पॉलिमर्स जेल (0.6 ग्रा), प्लास्टिक टॉप लेयर (1.1 ग्रा), प्लास्टिक बैक शीट(0.96 ग्रा) और सिलिकन पेपर(0.67 ग्रा), हॉट मेल्ट सील(0.45 ग्रा) भी मौजूद होते हैं।
Image Source: https://7daysint.com/
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम
आपने कई सैनेटरी पेड्स में देखा होगा की स्मैल को दूर करने के उनमें डिओडरेंट्स का इस्तेमाल किया हुआ होता है। ऐसे में पेड्स में इस्तेमाल किए जाने वाले डिओडरेंट्स सेहत पर भी बुरा असर डालते हैं। स्किन फ्रैंड्ली खुशबू लिए इन डिओडरेंट्स के कारण देखा गया है की प्रेंग्नेंसी संबंधी परेशानियां हो सकती हैं साथ ही बच्चे के जन्म के समय कॉम्प्लीकेशन भी हो सकते हैं।
Image Source: https://drcrystaldraper.com/
ब्लड की परेशानी
सैनेटरी पेड्स को बनाने के दौरान इसमें कई तरह के पेस्टीसाइड्स भी यूज किए जाते हैं जो ब्लड की क्लोटिंग से लेकर उनकी कमी तक का कारण बन सकते हैं, और यही छोटी-छोटी परेशानियां आगे चलकर कई बड़ी परेशानियों में तब्दील हो सकती हैं।
Image Source: https://www.washingtonian.com/
इन सैनेटरी नैपकिन्स को बनाने में सिंथेटिक मैटेरियल का भी इस्तेमाल किया जाता है जो गीलेपन और नमी को अच्छी तरह से एब्जॉर्ब कर लेता है। जिससे यीस्ट और बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा काफी बढ़ जाता होता है।
Image Source: https://i.huffpost.com/
बॉडी पार्ट्स डैमेजिंग
सैनेटरी नैपकिन्स इस्तेमाल करने से आपके बॉडी पार्ट्स को भी काफी खतरा हो सकती है। बता दें कि नैपकिन्स और टैम्पून्स को बनाने में एक प्लास्टिसाइजर्स का इस्तेमाल किया जाता है जो धीरे-धीरे बॉडी पॉर्ट्स को डैमेज करने लगता है।
Image Source: https://images.onlymyhealth.com/
मरने की वजह
टैम्पून्स और सैनेटरी नैपकिन्स को हर 4-5 घंटे में बदलना बहुत ही जरूरी होता है आपको बता दें की ऐसा न करने से आप शॉक सिंड्रोम का शिकार हो सकती हैं जो आपकी मौत तक की वजह बन सकती है।