राजस्थान में वैसे तो कई प्रकार के पर्यटन स्थल हैं और बहुत से लोग देश-विदेश से यहां आकर इन स्थानों पर घूमते हैं। इन्ही स्थानों में से एक है मेनाल। यह स्थाल अपने नैसर्गिक वैभव, कई प्रकार के मंदिरों तथा वाटर फॉल आदि के लिए बेहद जाना जाता है जिस कारण से बहुत से पर्यटकों की रूचि का केंद्र सालों से बना हुआ है। यह स्थान पुरातत्व,धर्म और पर्यटन का अनोखा संगम है…तो चलिए आज हम आपको कराते है भारत के एक खूबसूरत शहर की सैर जिसे देखकर आप हो जाएंगे इसके मुरीद…
कहां और कैसा है मेनाल –
यह स्थान चित्तोड़ राज मार्ग पर स्थित बूंदी नामक स्थान से करीब 100 किमी दूरी पर स्थित है तथा चित्तोड़ से करीब 70 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्थान यूं तो छोटा ही है पर यह ऐतिहासिक महानाल मंदिर और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। इस स्थान पर मेनाल नामक नदी है जो की एक झरने के रूप में 100 फ़ीट गहरे गड्ढे में गिरती है और एक घाटी का निर्माण करती है। इस झरने रुपी नदी का पानी ऊपर से ग्रेनाइट की सख्त चट्टानो पर जिस स्थान पर गिरता है उस स्थान के ठीक दाहिनी और शिवालय तथा महानाल मठ स्थित है। महानाल मठ के परिसर में और भी कई मंदिर बने है जिनको आप वहां देख सकते है कहा जाता है की इन मंदिरों का निर्माण दिल्ली और अजमेर के राजपूत राजाओं ने अपने कार्यकाल में कराया था। 10 वी और 11 वी शताब्दी में यह महानाल मठ शैव संप्रदाय का प्रसिद्ध स्थान रहा है। यहां का महानालेश्वर मंदिर शिव मंदिर काफी खूबसूरत है। मंदिरों की दीवार पर काफी कलात्मकता दिखाई पड़ती है और बहुत सी मूर्तियां भी बनी हुई हैं। मेनाल में वैसे तो पुरे साल भर लोग घूमने के लिए आते रहते हैं पर यहां पर आने का सबसे अच्छा समय बरसात का है। उस समय मेनाल का झरना बहुत ज्यादा तेजी से नीचे की और गिरता है और चारों और बहुत ज्यादा हरियाली होती है।
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मेनाल के आसपास के पर्यटक स्थाल –
मेनाल के आसपास भी अनेक पर्यटक स्थल हैं जहां पर आप घूमने का आनंद ले सकते हैं और अपनी यात्रा को और भी अधिक खूबसूरत बना सकते हैं। मेनाल के साथ में आप चित्तौडग़ढ़ और बूंदी भी घूम सकते हैं। यहां पर उम्मेद भवन पैलेस और चित्रशाला भी देखने लायक जगह है। चित्रशाला की दीवार आपको रासरंग की बहुत सी कहानिया चित्रों के माध्यम से दिखाती हुई मिलेगी
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वही दूसरी और चित्तौडग़ढ़ शहर अपने मंदिरों, दुर्गो और किलों के लिए बहुत मशहूर है, यहां पर आप बहुत से किले और मंदिरों का आनंद ले सकते हैं। मेनाल के साथ साथ आप सेवन फॉल और मिंडकी महादेव के झरनों का आनंद उठा सकते है इसके अलावा आप बिजौलिया नामक स्थान से मात्र 8 किमी दूर भड़क्या माताजी के जल प्रपात का भी लुफ्त उठा सकते हैं जो की काफी प्रसिद्ध है। खोकी और कनेर की पुतलियां नामक झरना भी यहां काफी लोकप्रिय है जो की खनिज क्षेत्र सुखपुरा खड़ीपुर में स्थित है।
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जानकारी के लिए बता दे की मेनाल को 1956 से भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया हुआ है। वर्तमान में यहां की देखभाल पुरातत्व विभाग करता है। पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां पर विभाग द्वारा एक होटल भी स्थापित किया गया है।