आज की भागदौड़ बड़ी जिंदगी में बहुत जरुरी है कि आप काम के साथ साथ सही एक्सरसाइज भी करें। इस बात को अब धीरे धीरे काफी लोग जान भी चुके है। इसीलिए बहुत से युवा अपनी बिज़ी लाइफ में से कुछ समय निकालकर जिम जाकर पसीना बहाते है। मगर कुछ ही समय बाद उनका जोश ठंडा पड़ जाता है और एक या दो हफ्ते बाद वह फिर से अपनी उसी अनहेल्दी रुटिन में लौट आते है। लेकिन शायद आप इस बात से पूरी तरह से अंजान है कि आपका यह तरीका आपके दिमाग को प्रभावित करता है। इस तरह एक्सरसाइज बंद करने से आपके दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। चलिए जानते हैं कि व्यायाम न करने से आपके दिमाग का कौन सा हिस्सा प्रभावित होता है।
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सबसे पहले तो आपके लिए यह जानना जरुरी है कि व्यायाम बंद करने से दिमाग के 8 हिस्सों को नुकसान पहुंचता है। दरअसल एक्सरसाइज करने से आपके दिमाग में रक्त संचार बढ़ता है लेकिन जब आप इसे बंद कर देते है तो रक्त का संचार कम हो जाता है। दिमाग का एक हिस्सा जिसे हिपोकैम्पस कहा जाता है, यहां हमारी सभी यादें जमा रहती है। रक्त संचार के कम होने से 10 साल भीतर दिमाग पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है इससे हमारा दिमाग सिकुड़ने लगता है। यहीं आगे चलकर याद्दाशत कम होने का कारण बनता है।
1- न्यूरोडीजेनेरेटिव होने का खत्तरा
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आपको बता दें न्यूरोडीजेनेरेटिव एक दिमागी बीमारी है। इस दिमारी में हमारे दिमाग की न्यूरॉन कोशिकाएं सिकुड़ जाती है, जो आगे चलकर पर्किन्सन रोग का कारण बनती है। एक्सरसाइज न करना आपको इन खत्तरनाक बीमारी का शिकार बना सकता है।
2- हफ्ते में 150 मिनट व्यायाम जरुरी
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एक स्टडी में साबित हुआ है कि हर इंसान को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करना ही चाहिए। अगर आपके पास पर्याप्त समय नही भी है तो भी कम से कम 75 मिनट एक्सरसाइज के लिए निकालने ही चाहिए। इससे आपके दिमाग को तो फायदा होगा ही, साथ ही शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ होंगे।
3- बढ़ती उम्र में व्यायाम अधिक आवश्यक
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उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे शरीर को बीमारियां लगने का भी खत्तरा बढ़ जाता है। खास कर 30 की उम्र के बाद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हर साल 2 से 3 प्रतिशत कम होने लगती है। यही कारण है कि 30 के बाद लोगों में गठिया व कैंसर जैसी बीमारियां देखी जाती है।
4- शोध में हुआ खुलासा
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इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए हुई एक रिसर्च में 125 लोगों को शामिल किया जो निरंतर साइकलिंग करते थे। इन लोगों में बहुत से लोग 80 की उम्र के भी थे। इन पर हुए शोध में पाया गया कि इन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी 20 साल के युवक के समान है।