बच्चे के जन्म के बाद से हर मां की जिम्मेदारिया बढ़ जाती है क्योकि बच्चे को स्वस्थ रखने के लिये समय समय पर उसके खाने पीने का खास ध्यान देना पड़ता है जैसे जैसे बच्चे का शरीरिक विकास होने लगता है वैसे वैसे उनमें परिवर्तन भी देखने को मिलते है बच्चा अपने मुताबिक चीजों को खाना पसंद करता है पर हर मां को उनके स्वास्थ का ध्यान रखने के लिये ये जानना काफी जरूरी है कि बच्चों को स्वस्थ रखने के साथ उनके शारीरिक व मानसिक विकास के लिये किस तरह का आहार दे जिससे आपके बच्चा पूर्णत: स्वस्थ रहे। आज हम आपको बता रहे है बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास को मजबूत करने वाले पौष्टिक आहार..
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स विटामिंन्स
बच्चो के शारीरिक विकास के लिये शरीर में विटामिन का होना काफी आवश्यक होता है। विटामिन ए का उपयोग करने से बच्चों की हड्डियों का विकास होने के साथ कोशिकाओं और ऊतकों के विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह इम्यून तंत्र को मजबूत बना कर बाहरी संक्रमित रोगों से रक्षा करता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।
विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिये
इस कमी को पूरा करन के लिए आप गाजर, शकरकंदी, मेथी, ब्रोकली, पत्तागोभी, मछली का तेल, अंडे का पीला भाग और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी आदि मे इस की प्रचुर मात्रा होती है। इसलिये इन चीजों का सेवन बच्चों को कराना काफी आवश्यक है।
विटामिन बी
विटामिन बी हमारे शरीर की लाल रक्तकणिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, जिससे हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन को प्रवाहित करने में मदद मिलती है। यह शरीर के मैटाबोलिज्म के लिए भी आवश्यक है। विटामिन बी की कमी से बच्चों में ऐनीमिया हो जाता है।
विटामिन बी की कमी को पूरा करने के लिये
साबूत अनाज, मछली, सीफूड, पोल्ट्री, मांस, अंडा, दूध, दूध से बने उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियों, फलियों आदि से पूरा कर सकते है बच्चों के हार में इन चीजों को जरूर सम्मलित करें।
विटामिन सी
बच्चों के शरीर में पौषक तत्वों की कमी होने से वो कमजोर रहते है। जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वे जल्दी ही बाहरी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। विटामिन सी का सेवन बच्चों के इम्यून तंत्र को मजबूत बना कर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसके साथ ही विटामिन सी मसूड़ों को स्वस्थ रखता है। यह लाल रक्तकणिकाओं के निर्माण और उन की मरम्मत में सहायता करता है व रक्तनलिकाओं को शक्ति देता है। आयरन के अवशोषण में सहायता करता है जो बढ़ते बच्चों के लिए बहुत ही आवश्यक पोषक तत्त्व है।
विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिये
बच्चों के आहार में खट्टे फल जैसे संतरा, स्ट्राबैरी, टमाटर, आलू, तरबूज, खरबूज, पत्तागोभी, फूलगोभी, पालक, पपीता, आम आदि पौषक तत्वों को जरूर सम्मलित करें।
विटामिन डी
बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। विटामिन डी की कमी का पूरा होना। यह बढ़ते बच्चों के शरीर में कैल्सियम के स्तर को नियंत्रित करके हड्डियों को मजबूत बनाना का काम करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। बच्चों के मजबूत दांत और हड्डियों के लिए रक्त में कैल्शियम और पौटेशियम की पूर्ति करने में मदद करता है।
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिये
विटामिन डी की कमी को पूरा करने वाला सब से अच्छा स्रोत सूर्य की किरणें हैं। इन के अलावा दूध, अंडा, चिकन, मछली आदि विटामिन डी के अच्छे स्रोत माने गये है इसलिये बच्चों में इस तत्व की कमी को पूरा करने के लिये इन चीजों का सेवन अवश्य करायें।
विटामिन ई
शोध के अनुसार जिन बच्चों के शरीर में विटामिन ई की कमी होती है उनका शारीरिक एंव मानसिक विकास सही तरीके से नही हो पाता है। इसलिए ऐसे बच्चों को विटामिन ई की अतिरिक्त खुराक दी जानी चाहिए ताकि उन का विकास प्रभावित न हो। यह लाल रक्तकोशिकाओं के निर्माण में सहायता करता है।
विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिये
बच्चों को शारीरिक एंव मानसिक विकास को जमबूत करने के लिये आप अंडा, सूखा मेवा जैसे बादाम, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, शकरकंद, शलगम, आम, पपीता, कद्दू आदि का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें। जिससे बच्चों की शारीरिक ग्रोथ सही करीके से हो सकें।
स्नैक्स से रखें दूर
बच्चों कीग्रोथ और शारीरिक विकास के लिए जिस ऊर्जा और कैलोरी की जरुरत होती है उसकी पूर्ती कार्बोहाइड्रेट से होती है। स्कूल उम्र में बच्चे तेजी से विकास करते हैं इसलिये उस दौरान उन्हें तेजी से भूख भी लगती है और इस समय पौषक युक्त तत्व उनके शरीर का लिये काफी अच्छा अहम रोल अदा करते है। यदि आप अपने बच्चे को खानें में स्नैक्स जैसी चीजे दे रही है। तो आप अपने बच्चे के विकास में रूकावट डाल रही है इसलिये बच्चों को स्नैक्स से दूर रखें।