हमारे भारत में अधंविश्वास से जुड़ी बातों को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है आज के समय में भी लोग अंधविश्वासों को मानने में पीछे नहीं हैं। लोग अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए अंधविश्वास से जुड़ी वो हर चीजों को मानते है जिसमें वो अपना फायदे देखते है। उन्हें शुभ अशुभ मानते हुए उन सभी नियमों का पालन करते हैं जो काफी समय से चले आ रहें हैं। पर क्या आप जानते हैं कि इनके पीछे कुछ वैज्ञानिक तर्क छुपे हुए हैं। जाने उन सभी बातों को जिसे आप अंधविश्वास मान उसे शुभ अशुभ का नाम देते है
1.शव यात्रा से लौटने के बाद स्नान करना
अंधविश्वास – शव यात्रा से लौटने के बाद लोग इसे अशुभ मानकर नहाते है
लॉजिक- मरने के दौरान मृत शरीर में कई तरह के बैक्टीरिया पनपने लगते है और उसके संपर्क में आने के बाद वो हमारे शरीर में भी प्रवेश कर जाते हैं। जिससे बचने के लिए स्नान करना काफी जरूरी होता है।
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2. नदी में सिक्के फेंकना- शुभ माना जाता है
अन्धविश्वास- भाग्य मजबूत होना
लॉजिक- पुराने समय के सिक्के ताबें से मिलकर बने होते है थे जो पानी के अंदर के बैक्टिरिया को खत्म करने का काम करते थे और हमारे सेहत को लिए भी काफी लाभकारी होते है। नदी के पानी को शुद्ध करने के लिए लोग नदी में सिक्के फेंकते थे।
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3. कहीं जाने से पहले दही का सेवन
अंधविश्वास- भाग्य साथ देना
लॉजिक- इसके पीछे छिपे तथ्य ये बताते है कि पुराने समय में लोग ज्यादातर एक स्थान से दूसरे स्थान पैदल चलकर ही जाया करते थे और जाने से पहले दही का सेवन करने से उनके शरीर में ताजगी के साथ ठंडक काफी समय तक बनी रहती थी। उसके साथ ही दही में शक्क्र डालकर पीने से ग्लोकोज की मात्रा भी बढ़ जाती है। जो शरीर में ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होती है।
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4. मंगलवार और गरूवार को बाल ना धोना-
अंधविश्वास-बुरे वक्त का आना
लॉजिक- पहले समय के लोग पानी को भरने के लिए दूर दराज नदी तलाब या कुएं में जाया करते थे और पानी की बचत के लिए ये लोग 1-2 दिन ना तो बाल धोते थे और ना ही कपड़े, जिसको को लोग अंधविश्वास से जोड़ने लगे हैं।
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5. मिर्च के साथ नींबू को लटकाना-
अंधविश्वास- बाहरी नजरों से बचाना
लॉजिक- नींबू और मिर्च में साइट्रिक एसिड की मात्रा भरपूर पाई जाती है। जो बाहरी बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है और उसी से बचने के लिए और अपनी सेहत को बनाये रखने के लिए लोग अपने घरों के बाहर नींबू के साथ मिर्च को बांधकर लटकाते थे। जिसे आज के लोग नजर बचाने वाला यंत्र मानने लगे हैं।
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6. मंदिर में घंटे का बजाना-
अंधविश्वास- भगवान को खुश करना
लॉजिक- घंटे को बजाने से उसके वाइब्रेशन से साकारात्मक उर्जा पैदा होती है। चारों ओर का वातावरण साफ रहता है। इसलिए हर घरों में घंटे और शंख का प्रयोग किया जाता है।