हमारे भारतीय रीती-रिवाजों में सोलह श्रृंगार को काफी महत्व दिया जाता है। जिसके लिए पूरी श्रृद्धा के साथ शादी होने के बाद हर लड़कियां इस प्रकार के बंधन को मरने तक निभाती भी है, ये परंपरा दो लोगों के बीच प्यार के संबंध को मजबूत बनाते हुए विश्वास की एक मिसाल भी खड़ी करता है। मात्र चुटकी भर सिंदूर हर महिलाओं के लिये कितना अहम होता है। इसे लगाकर महिलाएं अपने पति के लिए लंबी उम्र की कामना करती है। भले ही ये श्रृंगार पति के लम्बी उम्र और नारियों कि शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है पर वैज्ञानिक तौर पर देखा जाये, तो इस सोलह श्रृंगार के कई फायदे भी हमें देखने को मिलते है। जानिये किस प्रकार से हमारे शरीर के अंगों को फायदा पहुंचाते है ये सोलह श्रृंगार…
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बिंदी- हमारे भारतीय रीति रिवाजों में सजने संवरने का फैशन काफी पुराने समय से चला आ रहा है। बस पहनने ओढ़ने के रंग बदल गए है पर सस्कांर वहीं है। शादी के बाद माथे पर लगाई जाने वाली बिंदी जीवन साथी की उम्र को बनाए रखने के लिए लगायी जाती है। जो शादी शुदा होने की निशानी भी समझी जाती है। पर इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक तथ्य भी छुपे हुए है जिससे शायद आप अनजान होगें, बिंदी को दोनों आइब्रो के बीच लगाने से हमारी जो मेन नर्व होती है। वो एनर्जी को बचाने के साथ हमारे मन में एकाग्रता को बनाये रखने का काम करती है। इसके साथ माथे की उस नस में दबाब पड़ता है। जिससे चेहरे के मसल्स और ब्लड की सप्लाई करती है। एकाग्रता के समय दिमाग की इसी नस पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
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मांग टिका- मांग के बीच में लगाया जाने वाला टिका हमारे शरीर के हिट को कंट्रोल करने का काम करता है। इसके साथ ही दिमाग में तनाव के चलते ज्यादा प्रेशर बन जाता है उसे भी कंट्रोल में लाने का काम करता है | हमारे माथे पर लगाया जाने वाला टिका रोजाना पहनना मुमकिन नही है इसकी जगह माथे पर लगायी जाने वाली बिंदी और सिंदूर ही इस कमी को पूरा कर देते है।
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सिंदूर- बताया जाता है कि सिंदूर लगाने से सिंदूर में रहने वाला पारा हमारे माथे की नस में दबाव बनाए रखता है। इसके अलावा पिटयूटरी और पाइनल गलैंड को भी कंट्रोल करने का काम करता है। जो शादी शुदा महिलाओं के दिमाग का संतुलन सही तरीके से बनाये रखने में अहम भूमिका निभाता है। सिंदूर को हल्दी लाइम और पारे के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। जो दिमागी तनाव को कम करने में मदद करता है। ब्लडप्रेशर को कम कर ब्रेन को एक्टिव बनाये रखने में भी मदद करता है।
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नोजपिन- अन्य श्रृंगार के साथ नाक में पहनने वाली नथनी के भी बहुत फायदे होते है। इसके पहनने से सांस संबंधी समस्याओं के साथ हर महीने होने वाले पिरियड्स संबंधी तकलीफे भी दूर करने में मदद होती है। क्योकि बायें नाक की नर्व का संबंध सीधे महिलाओं की रिप्रोड्क्टिव सिस्टम से होता है। जो प्रसव के दैरान होने वाली समस्याओं से बचाता है।
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ईयररिंग- कान में पहनने वाली बाली हमारे शरीर में एक्यूपंक्चर का काम करती है, काफी समय पहले चीन के लोग इसे स्वास्थ को सही रखने के तर्क पर पहनते थे | इयररिंग पहनने से हमारा स्वास्थ तो सही रहता ही है साथ ही ये महिलाओं के पिरियड्स से जुड़ी समस्याओं से भी निजात दिलाता है। इसके अलावा सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाते हुए हर समस्या का समाधान करने के लिये हमारी मेमोरी को सही बनाए रखता है।
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मंगल सूत्र- शादी शुदा महिलाओं के लिए मंगल सूत्र काफी अहम हिस्सा माना जाता है। जिसके लिये वो हर चीज भूल जाये पर इसे पहनना नही भूलती है। शादी के बाद मंगल सूत्र और सिंदूर हर औरत के लिए शुभ माना जाने वाला एक अनमोल गहना होता है पर इस अनमोल गहने के पीछे भी वैज्ञानिक तथ्य है, जो हमें ये बताते है इसे गले में डालने के बाद हमारे शरीर के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। और दिल की हर बीमारी से हमें छुटकारा दिलाने में मदद भी करता है।
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चूड़ी- हाथों में पहनी जानी वाली रंगबिरगी चूड़ियां हमारे शरीर की शोभा बढ़ा देती है। और हमारे हाथों में एक अद्भुत निखार भी लाती है ये हरे कांच की रंगबिरंगी चूड़ियां हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का भी सकेंत देती है। इसकी खनखनाहट से पॉजेटिव उर्जा हमें प्राप्त होती है। साथ ही ब्लडप्रेशर को कंट्रोल रखते हुए हार्ट-बीट को भी बनाये रखने का काम करती है। इसके अलावा हाथों की ये रंग-बिरंगी चूड़ियां गले संबंधी रोगों से छुटकारा दिलाने का काम करती है।
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रिंग(अंगूठी)- शादी के बाद पहनने वाले सोलह श्रृंगारो में हाथों की उंगलियों में पहने जाने वाली अंगूठी का भी अपना एक अलग गुण होता है। रिंग का सीधा संबंध हमारे दिल से जुड़े होने के कारण ये दिल की बीमारी को पनपने नही देती। जिससे हार्ट जैसी बीमारियो के होने के खतरे कम रहते है। दिमाग शांत रखने में भी मदद करता है। और शरीर में एकाग्रता को भी बनाए रखता है।
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पायल- पायल पहनने से हमारे शरीर को भी इसकी खनखनाहट से पॉजेटिव एनर्जी मिलती है। पैरों में चांदी की पायल का महत्व ज्यादा होता है। यह मोटापे के साथ रोगों को दूर करने का काम भी करता है।
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बिछिया- हमारे शरीर का सबसे अंतिम गहना बिछिया होता है। जो शरीर में होने वाली कई बीमारियों को दूर करने में काफी मदद करता है। नर्वस सिस्टम को सही रखने के साथ रिप्रोडक्टिव सिस्टम को भी सही रखता है। इसके अलावा ब्लडप्रेशर को सही रख पिरियड्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान करता है।