शादी का बंधन जहां एक ओर दो अंजान लोगों को एक होने का मौका देता है, वहीं इस बंधन को बांधने से पहले कुछ भारतीय रीति रिवाजों के दौर से गुजरना पड़ता है। हमारे देश में इन परंपराओं और रीति-रिवाज के खास दर्जा दिया जाता है। ये परंपरा आज की ही नहीं कई हजार सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। ये रस्में भले ही धर्म के नाम पर एक दूसरे को जीवन भर जोड़े रखने का एक माध्यम है पर वैज्ञानिक तौर पर इसमें भी कुछ गहरे राज छुपे हुये हैं जो स्वास्थ्य के लिय़े फायदेमंद साबित होते हैं। तो आज के इस आर्टिकल से जानते हैं कि शादी में होने वाली रस्मों में किस प्रकार के वैज्ञानिक तथ्य छुपे हुये हैं, जो हमारे लिये काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
Image Source: ibanewsnetwork
भारतीय शादियों में होने वाली रस्में-
हमारे भारत में शादी के समय कई तरह की अलग-अलग रस्में निभाई जाती हैं, पर क्या आप जानते हैं कि जो लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं वो परंपरायें हमारे स्वास्थ के लिये वरदान साबित होती हैं। इनके पीछे छुपे वैज्ञानिक तथ्य इसकी पुष्टि करते हुये बताते हैं कि शादी में होने वाली रस्में धर्म के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिये भी उपयोगी मानी जाती हैं। जाने इन रस्मों के बारे में…
Image Source: devoteematch
हाथों में मेंहदी लगाना
शादी से पहले रस्मों की शुरूआत मेंहदी से होती है जिसमें लड़की या लड़के के हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। मेंहदी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण पाये जाते हैं। इसके अलावा इसमें शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले गुण होते हैं जो शादी के दौरान होने वाले तनाव, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याओं को दूर कर आराम पहुंचाने का काम करते हैं। इसके अलावा हाथों में रचने वाली मेंहदी हमें कई तरह के इन्फेक्शन से बचाने का काम करती है।
Image Source: dainiksaveratimes
हल्दी लगाने की परंपरा
शादी का दूसरा चरण हल्दी का होता है जिसमें वर वधू दोनों को इसका लेप बनाकर पूरे शरीर पर लगाया जाता है। इसके लगाने से त्वचा में निखार आता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हल्दी एक चमत्कारिक जड़ी-बूटी है जो शरीर के बैक्टीरिया को खत्म कर त्वचा में निखार लाने का काम करती है। इसलिये शादी के कुछ समय पहले से ही लड़की को हल्दी का बना लेप पूरे शरीर पर लगाया जाता है। जिससे छुपी हुई रंगत में निखार आये।
Image Source: palpalindia
चूड़ियां पहनना
शादी के समय लड़की की दोनों कलाइयों को चूड़ियों से सजाया जाता है। हमारे हाथों में कई एक्युप्रेशर पॉइंट्स जुड़े होते हैं। चूड़ी पहनने के समय इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जो हमारे स्वास्थ के लिये लाभदायक होता है। इसके साथ चूड़ियों और त्वचा के बीच होने वाला घर्षण रक्त संचार सुचारू करता है।
Image Source: onlymyhealth
मांग में सिन्दूर भरना
हिंदू रीति-रिवाजों अनुसार शादी के बाद महिलाओं की मांग पर सिन्दूर भरा जाता है। जो महिलाओं के सुहागन होने का वरदान देती है। भले ही इसे पति की लंबी उम्र से जोड़ी जाता है पर इसका लगाने से पत्नियों की उम्र बढ़ती है। सिंदूर में हल्दी, चूना के साथ कुछ धातु और पारा मिला हुआ होता है। यह वधू की मांग की नस को दबा कर रखता है इससे सिरदर्द जैसी समस्यायें दूर रहती हैं। पारा शरीर को ठंडक प्रदान कर आराम पहुंचाने का काम करता है।
Image Source: dainikuttarakhand
बिछुए पहनना
हमारे भारतीय रस्मों में शादी के समय लड़की के पैरों में बिछुए पहनाये जाते हैं। इसके भी कई वैज्ञानिक कारण हैं। पैर की दूसरी उंगली में मौजूद नस सीधे गर्भाशय से होकर गुजरती है और हृदय तक पहुंचती है। पैर का बिछुआ गर्भाशय को मजबूत बनाते हुये मासिक धर्म को नियमित करता हैं। बिछुए चांदी के बने होते हैं जो ध्रुवीय उर्जा को पृथ्वी से शरीर तक पहुंचाने का काम करते हैं।
Image Source: zindagiplus
अग्नि के फेरे लेना
अग्नि को हमारे भारतीय रिवाज में शादी का साक्ष्य माना जाता है। जिसकी उपस्थिति में वर वधु दोनों एक साथ रहने की कसमें खाते हैं। सात फेरों के साथ सात वचन लेते हुये एक दूसरे की रक्षा का वचन लेते हैं, पर क्या आप जानते है शादी के दौरान साक्ष्य बनी ये अग्नि हमारे चारों ओर के वातावरण को दूषित होने से बचाती है। नाकारात्मक उर्जा को दूर कर साकारात्मक वातावरण का निर्माण करती है। इसके अलावा अग्नि में मिलायी जाने वाली हवन सामग्री से आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। जिससे वर वधू पर साकारात्मकता का प्रभाव पड़ता है।