बच्चे कभी कभी तरह तह के सवाल करते हैं तो कभी तरह तरह की शरारतें करते हैं। यह बच्चों का अपना स्वभाव है। ऐसे में यदि आप उनको डांट कर या उन पर हाथ उठाकर चुप करा देती हैं तो यह आप तथा बच्चों के बीच दूरी को पैदा कर देता है। ऐसा करना सही नहीं है। यदि बच्चे बातूनी हैं तब उनको सम्हालना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है लेकिन आप ऐसे बच्चे को संयम के साथ सम्हाल सकती हैं। आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं और आपको बता रहें हैं की बातूनी बच्चों को किस प्रकार से सम्हाला जाएं।
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क्या कहते हैं पेरैंट्स कोच –
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बातूनी बच्चों को समझाने तथा मनाने के संबंध में पेरैंट्स कोच कई सलाह देते हैं। पेरैंट्स कोच कहते हैं की बच्चों का तरह तरह के सवाल करना तथा नई नई चीजों के बारे में जानकारी लेना उनका स्वभाव है। कई बार बड़े भाई बहन या माता पिता बच्चों के सवालों का जबाव नहीं देना चाहते हैं। वे डांट डपट कर उनका मुंह बंद करा देते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। यदि बच्चा कोई सवाल करता है तो उसके सवाल को धैर्य के साथ सुनना चाहिए। यदि उसका सवाल गलत हो तो बच्चे को प्यार के साथ समझाना चाहिए। यदि बच्चे को आप सही से समझाते हैं तो वह संतुष्ट हो जाता है। अन्यथा उसका सवाल ही उसके मन में घर कर जाता है और बच्चे का दिमागी विकास रुक जाता है। यदि आप बच्चे के सवाल का सही जबाव नहीं दे पाते तो वह अपने सबाल को लेकर किसी अन्य व्यक्ति के पास जाता है। हो सकता है वहां आपका बच्चा और भी ज्यादा गुमराह हो जाए। अतः अपने बच्चे के सबालों को सही सुनिए और उसको सही उत्तर भी दीजिये।
बातूनी बच्चों को सम्हालने के टिप्स –
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सबसे पहली बात तो यह है की आप अपने बच्चों को ज्यादा बात करने पर हतोत्साहित न करें। असल में बच्चे अपनी फीलिंग्स को बातों के सहारे ही हमारे सामने रखते हैं। कई बार आप बच्चों के सबाल पर उनको डांट देते हैं। ऐसा करने की अपेक्षा बच्चों के सबाल को सही से सुने तथा जबाव दें। आप अपने घर में ही किसी खेल को खेले तथा बच्चों को भी उसमें शामिल करें और उनको खेल पूरा होने तक चुप रहने को कहें। बच्चों में काफी एनर्जी होती है। आप उनकी ऊर्जा को आर्ट, क्राफ्ट तथा डांसिंग जैसी चीजों में लगाकर उनको सही दिशा दे सकती हैं।