इस दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं है। आज के वक्त में भी एक ऐसे शख्स हैं जो देश की मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के लिए एक मसीहा बनकर काम कर रहे हैं। देश में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति किसी से छुपी नहीं है की कैसे आज भी उनको बिना पढ़ाई लिखाई के चार दिवारी के बीच रखा जाता है। लेकिन वक्त बदल रहा है। ऐसे में बदलते वक्त के साथ लोगों की सोच में भी बदलाव लाना बहुत जरूरी है। इसी सोच में बदलाव लाने का जिम्मा सोहेल नामक एक शख्स ने उठाया है। जो एक अकेले ऐसे शख्स हैं जो मुस्लिम इलाकों में जा जाकर मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। जिनको वहां के आसपास के इलाके में रहने वाले मुस्लिम टीचर्स भी अपना बड़ा भाई मानते हैं।
Image Source: https://ngosofia.org/
वैसे मूल रूप से सोहेल गौतमबुद्ध नगर के रहने वाले हैं। लेकिन बीते 20 साल से वह दिल्ली में रह रहे हैं। साथ ही करीबन 15 सालों से मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं। गणित में एमएससी और बीएड कर चुके सोहले के बारे में बता दें की वह ये काम एकदम फ्री में करते हैं। इसके लिए वह किसी भी तरह के पैसे चार्ज नहीं करते। उन्होने अपने पिता के प्रेरित करने पर मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित करने की सोची, क्योंकि हमारे देश में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति सही नहीं है। वहीं दूसरी और उन्हें बच्चे पढ़ाने का भी काफी शौक है। वैसे ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जो अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं।
सोहेल के मुताबिक जब वह फ्री में बच्चों को पढ़ाते थे। तब उन्हे इस बात का पता चला की मुस्लिम लोग अपनी बच्चियों को बाहर पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं। जिसको सुनकर उन्हें काफी धक्का लगा। जिसके बाद उन्होने मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित कर उन्हें पढ़ाने का फैसला लिया। हालांकि इसके लिए उनको उन बच्चियों के परिवार को समझाने में थोड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ी। लेकिन आपने सुना होगा की जब आप किसी काम को दिल से करने में लग जाए तो कोई ताकत नहीं जो आपको उसे करने से रोक सके।
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सोहेल के अनुसार यमुना विहार के मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में इस काम में उन्हे थोड़ी मुश्किल जरूर आई। लेकिन धीरे-धीरे फिर उन्होने लड़कियों को पढ़ाने के साथ-साथ कम्प्यूटर एजुकेशन देने की व्यवस्था को भी शुरू किया। साथ ही लड़कियों को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए उनके लिए नौकरी की व्यवस्था करनी भी शुरू कर दी। उनके मुताबिक इस काम को करने के दौरान उनका सामना ऐसी महिलाओं से भी हुआ। जिनको उनके पति परेशान करते हैं या फिर छोड़ देते हैं। ऐसे में उन्होने ऐसी महिलाओं को सही रास्ता दिखाया ताकि वह अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके। इसके लिए उन्होंने एक एनजीओ रजिस्टर करवाया। जिसका नाम सोफिया रखा गया।
सोफिया में ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोहेल ने अलग-अलग कोर्सेस की शुरूआत की। जिसमे उनकी एजुकेशनल क्वॉलीफिकेशन के अनुसार काम सिखाया जा सके। वहीं जो महिलाएं अनपढ़ है उन्हें हैंडिक्राफ्ट्स जैसे काम सिखाए जाएं। जिससे वह आत्म निर्भर बन सकें। सोहेल का कहना है की वह आज तक करीब 7 हजार महिलाओं को शिक्षित करने का काम कर चुके हैं और उनकी ये मुहिम ऐसे ही लगातार जारी रहेगी। उनकी छोटे स्तर पर शुरू की गई ये पहल अब एक बड़ा रूप ले चुकी है। जो कि अब सिर्फ महिलाओं को शिक्षित करने तक ही नहीं है बल्कि उनके अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने का काम भी करती है। उन्होने अपने एनजीओ में महिला उत्थान से जुड़ी तमाम सरकार योजनाओं को लागू करवाया है। साथ ही वे दिल्ली महिला आयोग कमेटी से भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में अगर किसी महिला को कोई परेशानी होती है तो वह पुलिस से लेकर वकील तक की मदद दिलाने का काम करते हैं। उनके एनजीओ में पढ़ने वाली अब हर लड़की को बकायदा सर्टिफिकेट दिया जाता है, क्योंकि इनका संस्थान एनआईओएस से प्रमाणित है। जिससे यहां के स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरियों में मदद मिलती है। यहां तक की वह महिलाओं के संतुलित आहार के लिए सरकार की न्यूट्रिशन सहित कई अन्य योजनाओं के प्रसार का काम भी कर रहे हैं।
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इसके अलावा बता दें की सोहेल नार्थ ईस्ट और ईस्ट दिल्ली में दिल्ली महिला आयोग की टोल फ्री हेल्पलाइन 1800119292 के लिए भी काम करते हैं। जिसके लिए महिला आयोग ने सोफिया एनजीओ को अपनी एक पैनल एजेंसी बनाया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर आप कभी भी 24 घंटे में कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा वह दिल्ली सरकार के पीएनडीटी डिपार्टमेंट की सलाहकार समिति के एग्जीक्यूटिव मेंबर भी हैं। जो बच्चे के जन्म से पहले लिंग जांच को रोकने का काम करती हैं। इसके साथ ही सोफिया एनजीओ अब दिल्ली टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के साथ लड़कियों को टेक्निकल एजुकेशन देकर रोजगार दिलाने में मदद करती है। साथ ही नौकरी के लिए सरकारी स्किमों के तहत जरूरी कागजात भी महिलाओं को दिलाने का काम करती है। वहीं इस एनजीओ में महिलाओं को दिल्ली सरकार की ओर से लोन दिलाकर उनकी आर्थिक मदद देने का काम किया जाता है।