आपके बच्चे समझदार होकर अपनी आय का अच्छे से प्रबंध कर सकें। उसके लिए आप उनको बचपन से ही बचत की आदत सिखाएं। ताकी वे अपने भविष्य में अच्छा तथा सुखमय जीवन जिएं। इसके लिए आप अभी से उनको बचत का इस्तेमाल तथा उसके लाभों के बारे में बताएं। इस बात का ध्यान रखें कि अलग-अलग उम्र के बच्चों की मानसिकता भी अलग-अलग होती है। इस कारण हमने बच्चों को तीन भागों में बांटा है। आइये जानते हैं इन तीन वर्गों तथा उनके बच्चों के बारे में।
1 – 5 से 10 वर्ष के बच्चे
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इस उम्र के बच्चों के साथ आप गेम खेल कर उनमें बचत की प्रवृत्ति को पैदा कर सकते हैं। आप कुछ इस प्रकार के गेम बनाएं, जिनमें प्रत्येक रूप में पैसे का प्रयोग हो। इस प्रकार के खेलों में आप बच्चों को यह सिखाएं की वे खेल से किस प्रकार ज्यादा से ज्यादा पैसे अर्जित करें तथा कम से कम पैसे खर्च कर कैसे ज्यादा सामान खरीदें। इस प्रकार के खेल आपके बच्चों को में बचत की आदत को बढ़ावा देते हैं।
2 – 10 से 15 वर्ष के बच्चे
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इस उम्र के बच्चे इतने समझदार हो ही जाते हैं कि वे पैसे का लेखा-जोखा कर सकें। इस उम्र के बच्चों को आपको अपने साथ बाजार ले जाना चाहिए तथा बाजार से ली गई वस्तुओं के प्रिंट रेट तथा दुकानदार द्वारा लिए गए पैसे में अंतर समझाना चाहिए। इसके अलावा आप सस्ते ब्रांड की चीजों को दूकान से पूछने के लिए अपने बच्चे की मदद ले सकती हैं। इस प्रकार के कार्यों से बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ता है तथा उसको बाजार की जानकारी मिलती है। साथ ही वह सीखता है कि कैसे कम पैसे में अधिक चीजें खरीदी जा सकती हैं।
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3 – 15 से 20 वर्ष के बच्चे
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इस उम्र के बच्चों को आप अपने घर के खर्च की संपूर्ण धन प्रबंधन की जिम्मेदारी दे दीजिये। इस प्रकार से बच्चे में घर के जिम्मेदार सदस्य होने का अहसास भी होगा। इस उम्र के बच्चे को आप वित्त तथा अर्थ शास्त्र संबंधी किताबों तथा पत्रिकाओं को पढ़ने की आदत भी डालें। शॉपिंग के लिए आप बच्चों से ही इस बात की जानकारी लें कि किस स्थान से सामान खरीदने पर छूट मिलेगी। इससे उनके अंदर धन का सही उपयोग करने की आदत पड़ेगी जो जीवन भर उनमें रहेगी। इस प्रकार से आप अपने बच्चों में बचत की आदत को आसानी से पैदा कर सकती हैं।
