रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जो हिंदुओं के प्रमुख ग्रंथों में से एक माना जाता है और ये हमें जिंदगी को जीने का नजरिया प्रदान करती है। रामायण की सबसे बड़ी सीख है बुराई पर हमेशा अच्छाई की ही जीत। रामायण राजपरिवार और राजवंश पर आधारित कहानी हैं जो भाई, पति-पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य के आपसी रिश्तों के आदर्श को पेश करती हैं। अपने आधुनिक जीवन में रामायण हमें बहुत कुछ सीख देती हैं और इसके अलावा हिन्दू संस्कृति रामायण की सीख की प्रासंगिकता को अपने जीवन में भी उतारती हैं। दिपावली हिंदुओ का सबसे बड़ा त्योहार है और यह पर्व इसलिए मनाया जाता है कि इस दिन राम जी ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ रावण को मारकर अयोध्या लौटे थे। राम जी का चौदह वर्षों का वनवास और उनके घर लौटने की कहानी हमें जीवन में बहुत कुछ सिखाती हैं और इस कहानी के घटनाक्रम हमें जीवन में नई राह दिखाते हैं। आइए बताते है रामायण की कुछ बड़ी सीख।
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1. बुराई पर अच्छाई की जीत –
बुराई पर अच्छाई की जीत ही रामायण की सबसे बड़ी सीख है। इसमें रावण ने अपनी बुरी नजर माता सीता पर डाली और कहानी के अंत में भगवान राम ने अपनी शक्ति से रावण को पराजित कर अपनी पत्नी सीता को वापस पा लिया। इस पूरी कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि अगर अपनी नीयत और गुण अच्छे हो तो बुराई कितनी भी शक्तिशाली और बड़ी क्यों न हो हमेशा सच्चाई की ही जीत होती हैं।
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2. विविधता में एकता –
विविधता में एकता रामायण की एक बड़ी सीख है। यह एक ऐसा महाकाव्य हैं जिसमें राजा दशरथ के चारों बेटे और उनकी तीनों रानियों का अलग-अलग चित्रण दिखाया गया हैं, इतनी विविधता के बावजूद भी परिवार में एकजुटता बनी रहती हैं और यही हर परिवार के दुख की घड़ी से बाहर निकलने की सीख है।
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3. अच्छी संगति का महत्त्व –
यह ग्रंथ हमें अच्छी संगति के महत्व को बताता है। कैकयी अपने बेटे भरत से ज्यादा राम को चाहती थी, लेकिन कैकयी, दासी मंथरा की गलत बातों और बुरी सोच में आकर दशरथ से राम के लिए चौदह वर्षों का वनवास मांग लेती है। इसलिए हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें बुरी संगति से बचना चाहिए और एक अच्छी संगति में रहना चाहिए, ताकि नकारात्मकता हम पर हावी न हो।
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4. सच्ची भक्ति और समर्पितता –
भगवान राम के प्रति हनुमान जी ने प्यार और अटल विश्वास का परिचय दिया। उनकी कड़ी मेहनत और भगवान राम के प्रति निस्वार्थ सेवा हमें सिखाती है कि किस तरह से एक दोस्त की जरूरत के समय मदद की जाती है और यह भी बताती है कि हमें अपने आराध्य के चरणों में बिना किसी संदेह के अपने आप को समर्पित कर देना चाहिए।
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5. सबसे समान व्यवहार –
भगवान राम का विनम्र आचरण हमें सबको सम्मान देना सिखाता हैं। हमें लोगों को जाति, धर्म, लिंग आदि के भेदभावों से नहीं देखना चाहिए, बल्कि सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। आपको बता दें कि सच्चा मानव वही होता है जो सबके साथ समान व्यवहार से पेश आता है।
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6. भगवान की सच्ची सेवा –
लक्ष्मण और उनकी मां सुमित्रा के बीच राम के वन जाने से पहले कुछ संवाद होता है। सुमित्रा अपने पुत्र लक्ष्मण को राम और सीता के साथ अच्छा आचरण करने की शिक्षा देती है। हमें भी इसी तरह अपने भगवान की सच्चे मन से सेवा करनी चाहिए, क्योंकि यही मुक्ति का द्वार है। अंत में सुमित्रा कहती है कि लक्ष्मण तुम चाहे कहीं भी रहो लेकिन जहां राम है वहीं पूरी अयोध्या है। इस तरह कह सकते है कि सच्ची भक्ति ही भगवान की भक्ति है।
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7. माफ करना बदला लेने से अच्छा चरित्र है –
रावण एक ज्ञानी पुरुष था और उसके पतन का कारण माता सीता का हरण करना था। हमें इससे यह पता चलता है कि हैं दूसरों को नुकसान पहुंचाने के चक्कर में हम खुद को ही आग में जला बैठते है। इसलिए हमें क्रोध, बदला, अहम के बजाय माफ करने का स्वाभाव अपनाना चाहिए।
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8. प्यार और दया का भाव –
अगर प्यार और दया के आचरण के लिए हमेशा से ही भगवान राम का नाम सर्वोपरि लिया जाता है। यदि हम मे से कोई भी राम के आचरण को अपने दैनिक जीवन में दस प्रतिशत भी उतार लेता है तो वो संतुष्ट और खुशहाल जीवन जी सकता है। इसलिए आज के ज़माने में रामायण की सीख समाज की बुराइयों पर जीत हासिल करने के लिए आवश्यक है।
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