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3. बेगम हजरत महल (Begam Hazratmahal)-
आजादी से पहले अवध राज की बेगम बनी- हजरत महल। जब इन्होंने शासन संभाला तो अपनी सूझ-बूझ और हिम्मत की बल पर यह अंग्रेजों को ज्यादा वक़्त तक अवध से दूर रखने में कामयाब रही थी। जंग-ए-आजादी के दौरान पूरा अवध एवं दूसरे तालुकदार उनके साथ थे। मटियाबुर्ज में नजरबंद वाजिद अली शाह को छुड़ाने के लिए इन्होंने लॉर्ड कैनिंग के सुरक्षा दस्ते में सेंध लगाने की योजना बनाई थी, पर योजना का भेद खुलने के कारण वह इसमें कामयाब नहीं हो सकीं। वह फौज का हौसला बढ़ाने के लिए खुद ही लड़ाई के मैदान में आ जाती थी।