स्कूल के दिन किसी भी इंसान के लिए उसके जीवन के वो सबसे अच्छे दिन होते जिसे वो जीवन भर नही भूल पाता है। जिंदगी के काम काज और पैसो की भागदौड़ में हमारे पास इन दिनों को याद करने का समय नही बचता, मगर इन दिनों की यादें हमेशा हमारे मन में जीवित रहती है। इन यादों का हिस्सा वो लोग भी होते है, जिनसे उस हम सबसे ज्यादा डरते या नफरत करते थे यानि हमारे अध्यापक। हर एक इंसान के ज़हन में उसके फेवरेट अध्यापक की याद बसी होती है। उनकी कुछ बातें या यूं कहे कि उनके कुछ डायलॉग जो वो हमेशा कहते थे। आपको भी अपने अध्यापक की बाते यकीनन याद होगी जो वो अक्सर क्लास में दोहराती रहती थी। चलिए एक बार उन्हीं कुछ डायलॉग को याद करते है और इन डायलॉग को पढ़ कर पता लगाओं कि क्या आप भी इन डायलॉग से वाकिफ हैं।
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1- स्कूल टाइम में हर किसी को आदत होती है कि वह क्लास में बैठ कर मस्ती करते है। ऐसे में टीचर का हमेशा एक ही डायलॉग होता था कि क्या बात बहुत हंस रहे, मुझे भी बता दो, मैं भी हंस थोड़ा हंस लेती हूं।
2- स्कूल टाइम में सबसे बुरी चीज अगर कोई लगती थी तो वह था होमवर्क करना। कई बार होता था जब हम स्कूल में होमवर्क किए बिना ही चले जाते थे। ऐसे में हर बार टीचर का एक ही डायलॉग रहता था खाना खाना तो कभी नही भूलते तुम, सोना नही भुलते बस होमवर्क करना भूल जाते हो।
3- अक्सर क्लास में शोर होता देख टीचर का यही डायलॉग रहता है कि क्या क्लास को सब्जी मंडी बना रखा है।
4- कई बार बच्चे क्लास में लैक्चर के दौरान बातचीत करते होते है जिन्हें देखकर टीचर का यही डायलॉग रहता है कि ऐसा करती हूं कि मैं बैठ जाती हूं आप सब पहले बाते ही कर लो। जब आपकी बाते खत्म हो जाए तो बता देना मैं पढ़ाना शुरु कर दूंगी।
5- हर क्लास में एक बच्चा ऐसा होता है जो बहुत पढ़ाकू होता और और मैडम का फेवरेट होता है। ऐसे में जब टेस्ट सब के नंबर कम आते है और उसके ज्यादा तो मैडम का यही डायलॉग होता है कि जब मैं क्लास में पढ़ा रही थी तो सिर्फ इसी का ध्यान था क्या। इसके नंबर कैसे अच्छे आते है। आप सब को भी तो सेम चीज ही पढ़ाती हूं न मैं, फिर हमेशा इसे ही क्यूं सब याद रहता है।