खान-पान की कमियां और तनाव आदि डायबिटीज होने के मुख्य कारण हैं। डायबिटीज(शुगर) की बीमारी की अब कोई उम्र सीमा नहीं रही। बड़ों के साथ-साथ यह बीमारी बच्चों में भी देखने को मिलती हैं। इस बीमारी के चलते सेहत खराब होने लगती हैं। खाने-पीने में बहुत परहेज करने पड़ते हैं। चीनी, चावल, आलू इत्यादि की मात्रा को अपने आहार में बहुत ही कम करना पड़ता हैं। सभी पेरेंट्स अपने बच्चे को स्वस्थ देखना चाहते हैं। अगर बच्चों को डायबिटीज हो जाए, तो वह पेरेंट्स घबरा जाते हैं। इस बीमारी के लक्षणों को शुरू में ही पहचानकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण…
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1. प्यास लगना (Thirsty)-
आपको बता दें कि बच्चों में शुगर लेवल की मात्रा बढ़ जाने से उन्हें बहुत ज्यादा प्यास लगती हैं। इसके अलावा उनको कोलड्रिंक और जूस जैसी लिक्विड चीजें पीने की भी इच्छा होती हैं। अगर आपके बच्चे में भी कुछ ऐसे लक्षण दिख रहें हैं तो आप सतर्क हो जाएं।
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2. भूख बढ़ना (Hunger strike)-
शरीर में ऊर्जा की कमी का कारण डायबिटीज हैं। यह बच्चों की भूख को बढ़ा देती हैं और वो जरूरत से ज्यादा खाना खाने लगते हैं। ज्यादा खाना खाने के बावजूद भी उनका वजन बढ़ने की बजाय कम होने लगता हैं।
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3. थका हुआ रहना (Stay tired)-
डायबिटीज के कारण इन्सुलिन की मात्रा घट जाती हैं। जिससे बच्चों के शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती हैं। इससे बच्चे बिना कुछ किए थक जाते हैं, वो सुस्त हो जाते हैं और उनका खेलने का भी मन नहीं करता हैं।
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4. फल और सब्जियां (Fruits and vegetables)-
डायबिटीज में परहेज और खास देखभाल की जरूरत होती हैं। हरी सब्जियां, हेल्दी भोजन, फल आदि इन सब पोषक तत्व की कमी के कारण डायबिटीज की समस्या हो सकती हैं। अगर बच्चों में ये बीमारी का पता चल जाएं, तो बच्चे का इलाज समय रहते संभव हो जाता हैं।
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