छोटे बच्चे अपनी इच्छा या भावनाओं को बोल कर व्यक्त नहीं कर सकते हैं, इसलिए वे बार-बार टॉयलेट बेड पर ही कर देते हैं। ऐसे में अपने बेड एवं बच्चों को साफ-सुथरा रखने के लिए पहले के पेरेंट्स उनको घर पर बने कपड़े के नैपी पहनाया करते थे। लेकिन आज इनकी जगह डायपर ने ले ली हैं और सभी मां बाप बच्चों को यहीं पहनाना पसंद करते हैं। इससे इंफेक्शन से बचने की जगह, इंफेक्शन होने का चांस बढ़ जाते हैं। बच्चों को यूरिन इंफेक्शन या दूसरी प्रॉब्लम हो सकती हैं। आइए जानते हैं डायपर के इस्तेमाल में बरतने वाली सावधानियों के बारे में।
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1. इंफेक्शन का डर (Infection)-
आपको बता दें कि बच्चों को ज्यादा देर तक डायपर पहनाने से, उन्हें यूरिनल इंफेक्शन होने का डर रहता हैं। इस कारण बच्चे में चिड़चिड़ापन भी आ सकता हैं।
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2. हाथ साफ करना (Clean hands)-
आप जब भी अपने बच्चे का डायपर बदलें, तो अपना हाथ साफ जरूर कर लें। इससे आपके बच्चे कई तरह के बीमारियों से दूर रहेंगे।
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3. समय पर बदलना (Change on time)-
अपने बच्चे को तीन-चार घंटे से ज्यादा देर तक डायपर न पहनाएं। समय-समय पर चेक करते रहें और ज्यादा गिला होने पर डायपर को बदल दें। इसके अलावा बच्चे को नैपी पहनाने से पहले उनकी त्वचा को अच्छी तरह से साफ कर लें।
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4. स्किन में संक्रमण का खतरा (The risk of infection in the skin)-
बच्चे की स्किन बड़ों के मुताबिक ज्यादा सेंसिटिव होती हैं। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता हैं कि वह अपने बच्चे का पूरा ध्यान रखें। आपको बता दें कि डायपर में कई तरह के रासायनों का प्रयोग किया जाता हैं। जिससे बच्चों को गीलापन तो महसूस नहीं होता, लेकिन इसमें हवा पास न होने के कारण इससे इंफेक्शन होने का डर बना रहता है।
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