Home विविध शुक्रवार के दिन कुछ यूं करें मां दुर्गा की अराधना

शुक्रवार के दिन कुछ यूं करें मां दुर्गा की अराधना

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भारतीय संस्कृति में पूजा पाठ का अत्यधिक महत्व है। समस्या चाहे कितनी बड़ी हो इंसान को उसका केवल भगवान के घर यानि मंदिर में जाकर ही मिलता है क्योंकि उनकी पूजा अर्चना मात्र से हमारा मन शांत हो जाता है और हम अपनी परेशानियों के प्रति ज्यादा अच्छे से चिंतन कर पाती है और उनका समाधान ढूंढ पाती है। क्या आप जानती है कि हर दिन के अनुसार अलग अलग तरीके से पूजा करना आपके लिए अधिक लाभकारी हो सकती है। जिस प्रकार आज शुक्रवार है तो आज के दिन आपके द्वारा मां दुर्गा का पूजन ज्यादा सही रहेगा। इसलिए आज हम आपको शुक्रवार के दिन किए जाने वाले खास पूजन की जानकारी देने लगे है। यकिन मानिए ये आपके लिए बेहद लाभकारी रहेगा। चलिए जानते है मां दुर्गा के इस विशेष पूजन की विधि के बारे में।

कुछ यूं करे पूजन की शुरुआत

इस पूजन के लिए सबसे पहले आपको मां दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष उनका आवाह्न करना पढ़ता है इसलिए पूरी श्रद्धा भार से मां का आवाह्न करें। अब माता की प्रतिमा को स्नान करवाने की तैयारी करें। इसके लिए आपको जल और पंचामृत की जरुरत होगी। स्नान के लिए सबसे पहले प्रतिमा पर जल डालें। इसके उपरांत प्रतिमा पर पंचामृत अर्पित करें। अब फिर से जल डालें। स्नान के पश्चात मां दुर्गा का शिंगार करें। इसके लिए आपको सर्वप्रथम मां को वस्त्र धारण करवाने है, इसके बाद प्रतिमा को आभूषणों और पुष्पमाला से सूसजित करें। आखिर कुमकुम और अष्टगंध से तिलक कर मां के शिंगार कार्य को सम्पूर्ण करें।

मां दुर्गाImage source:

आरती की विधि

स्नान व शिंगार के बाद अब बारी है मां दुर्गा के पूजन की यानि आरती की। इसके लिए आपको सबसे पहले धूप व दीप लें और उन्हें पूजास्थल पर रखें। आपको बता दें कि देवी को लाल रंग के गुड़हल के फूल अति प्रिय है इसलिए याद रखें कि पूजन उन्हें अवश्य रखें। साथ ही पूजन में चढ़ाने वाली सामग्री में आपको 11 या 21 दाने चावल चाहिए। इसके उपरांत अपने दीपक में घी या तेल डालकर ज्योत को प्रज्वलित करें। अब पूरी श्रद्धाभाव से मां दुर्गा की आरती करें। आरती पूरी होने के बाद मां को अपने द्वारा चढ़ाए गए मिष्ठान का भोग अवश्य लगाएं। आरती के बाद परिक्रमा जरुर करें। इसके अलावा अराधना करते समय ‘‘ऊँ दुं दुर्गायै नमःमंत्र का जाप जरुर करें। आखिर में पूजा स्थल पर चढ़ाएं नारियल को फोड़ कर उसे प्रसाद के रुप में ग्रहण करें और घर के अन्य सदस्यों को भी दें।

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