आपने अक्सर देखा होगा कि जब कभी घर पर मेहमान आते हैं तो वह घर के बाहर ही जूते चप्पल उतारते हैं, इतना ही नहीं आपने अक्सर अपनी मां को ऐसा कहते हुए सुना होगा कि घर के अंदर जूते-चप्पल लेकर ना आएं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि मां ऐसा क्यों कहती हैं? नहीं ना! तो आज हम आपको इस बात के पीछे का रहस्य बताने जा रहें हैं।
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आज के इस आर्टिकल की मदद से आप यह जान सकती हैं कि आखिर क्यों घर के अंदर चप्पल-जूते नहीं लाने चाहिए।
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दरअसल एक शोध में यह बात सामने आई है कि जूते चप्पलों के साथ ही घर में कई सारे रोग भी प्रवेश कर सकते हैं, क्योंकि जूते-चप्पल कई तरह के रोगाणुओं से भरे रहते हैं। एरिजोना विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध में यह बात पता चली है कि हमारे जूते चप्पलों में कम से कम 421000 बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो कि हमारे घर के सदस्यों के लिए नुकसान साबित हो सकते हैं। आप जरा सोचिए कि अगर एक जूते में इतने बैक्टीरिया होंगे तो फिर एक जोड़ी जूते में कितने बैक्टीरिया मौजूद होंगे।
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जूतों की जांच करने के बाद यह बात सामने आई कि उनमें कम से कम 96 प्रतिशत तक कैलीफॉर्म नाम का बैक्टीरिया पाया जाता है। यह बैक्टीरिया गर्म खून वाले जानवरों और मनुष्य के मल में पाया जाता है।
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इसी के साथ जूतों और चप्पलों में कई और भी बैक्टीरिया पाएं जाते हैं, उनमें से छह मुख्य बैक्टीरिया में ई कोलाई, सेराटिया फिकारिया और क्लेबसिएला निमोनिया शामिल हैं।
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घर के अंदर जूते-चप्पल न लेकर आने की प्रथा हमारे भारत में काफी सदियों से चली आ रही थी, लेकिन कई लोगों को इसके पीछे का कारण पता नहीं था। आज हमने आपको इसके पीछे का कारण बता दिया है। अब आप इस आदत को अपने बच्चों को भी सिखाएं।
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