हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्त्व है, इस अवधि में लोग अपने पितरों और पूर्वजों का तर्पण कराते हैं और जो ये नहीं कराते उन्हें पितृदोष लगता है| इस बार पितृ पक्ष 1 सितंबर से शुरू हो रहा है जो कि 17 सिंतबर 2020 तक चलेगा| तो पितृदोष से मुक्ति के लिए लोग पूजा-अनुष्ठान कराते हैं और ब्राह्मणों को भोजन आदि कराते हैं |
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष पर विशेष उपाय करने की परंपरा बताई गई हैं और यह उपाय हैं पितृ पक्ष में पितरों को खुश करना। आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना जरूरी माना जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि हमारे पूर्वज पितृपक्ष के दौरान पृथ्वी पर आते हैं और हमें अपना आशीर्वाद देते हैं, इसलिए हमें उन्हें खुश करने के लिए कुछ उपायों को करना बेहद जरूरी होता हैं। जिससे हमारे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहें। आइए जानते हैं पितृपक्ष के दौरान में करने वाले उपायों के बारे में।
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1. पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं (Put water in the pipal tree)-
आपको बता दें कि पितृपक्ष में पीपल के पेड़ का महत्त्व काफी होता हैं, इसलिए इन दिनों पीपल के पेड़ की जड़ में जल जरूर चढ़ाएं और साथ ही घी का दीपक भी जलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।
2. मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं (Feed fishes with wheat balls)-
पितृपक्ष में रोजाना मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। इसके अलावा रोज काले कुत्ते को रोटी खिलाने से आपके सभी रूके हुए काम पूरे हो जाते हैं, इसलिए इन दिनों अपने जीवन में शांति और सुख-समृद्धि बनाएं रखने के लिए इन उपायों को जरूर करें।
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3. गीता का पाठ करना (To read the Gita)-
पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वी लोक पर आते हैं, इसलिए हमें इन दिनों प्रतिदिन गीता का पाठ करना चाहिए ताकि हमें उनका आशीर्वाद मिल सकें।
4. धूप जलाएं (Light Incense stick)-
हर रोज घर में पितरों के नाम पर धूप अवश्य जलाएं। इसके लिए जलते हुए कंडे यानि उपले पर सब्जी-पूरी के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपने पितरो के नाम पर अर्पित करें।
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5. असहायों और ज़रूरतमंदों की मदद करें (To help needy people)-
इन दिनों गरीबों को काले कंबल का दान करें या उन्हें भोजन खिलाएं। इससे भी हमें अपने पूर्वजों का आशिर्वाद मिलता है।
पितृ पक्ष के दौरान क्या ना करें:
– पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध कर्म अवश्य करना चाहिए
– इस दौरान घर में क्लेश और लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए
– पितृपक्ष में मांस और मदिरा का सेवन भी वर्जित माना जाता है
– इस दौरान किसी भी पशु या पक्षी को कष्ट नहीं पहुँचाना चाहिए
– किसी भी ब्राह्मण या बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए