सर्दियां जाने को तैयार हैं ऐसे में गर्मियों ने भी अपना रूख दिखाना शुरू कर दिया है। लेकिन इसी बीच बारिश के होने से बार-बार मौसम में परिवर्तन हो रहा है। जिसकी वजह से हर घर में बच्चों को सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी बिमारियां घेर रही है। हालांकि यह एक आम समस्या है। लेकिन अगर माता-पिता चाहें तो अपने बच्चों को इस मौसमी संक्रमण से बचा सकते हैं। जिससे इन बीमारियों में कमी जरूर आ जाएगी। बच्चे पूरा दिन कीटाणुओं और विषाणुओं के सम्पर्क में घिरे रहते है। जिसके कारण मौसम बदलते ही सबसे पहले बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। लेकिन इसके लिए अब जरूरत है की आप एक स्मार्ट माता-पिता बनिए और अपने बच्चों के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाइए।
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कई विशेषज्ञों का कहना है की ज्यादातर बच्चों में जुकाम खांसी और बुखार की समस्या होना आम बात है जो कि मौसम बदलने के कारण कम और संक्रमण के कारण ज्यादा होते है। लेकिन अगर माता-पिता अपने बच्चे की ओर ध्यान दे और उनकी इम्युनिटी को बढ़ावा दें तो ऐसी संक्रमण वाली बीमारियों से बच्चों को काफी हद तक बचाया जा सकता है। आज हम आपके लिए इसी विषय पर ये आर्टिकल लेकर आए हैं। जिसमे आप जान सकते हैं कि बच्चे के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए माता-पिता को कैसे क्या करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कैसे बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए माता-पिता कौन-कौन सी स्वस्थ आदतो को अपनाएं।
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बच्चों के सामने खाने में ज्यादा फल और सब्जियां परोसे
माना की आजकल के बच्चे हरी सब्जियों के नाम पर नाम भौहें सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन अगर आप शुरूआत से ही बच्चे को फल और सब्जियां खिलाने की आदत डालती तो ऐसा नहीं होता। इसलिए याद रखें कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाने में परोसनी चाहिए। क्योंकि फल और हरी सब्जिय़ों जैसे गाजर, हरी बीन्स, संतरे, स्ट्रॉबेरी विटामिन सी होता है और ये और कैरोटीन युक्त होते हैं। जिनमे बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाने वाला पिटोनुट्रिएंट्स पैदा होता है। एक अध्ययन के अनुसार ये बात सामने आई है की हरी संब्जियां और फल पिटोनुट्रिएंट्स कैंसर और हृदय रोग जैसे पुराने रोगों के खिलाफ हमारी रक्षा करने की ताकत होती है। इसलिए एक दिन में अपने बच्चो को 5 बार में फलों और सब्जियों को उनकी भूख के अनुसार खिलाने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि ये बच्चे की इम्युनिटी को संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत बना सकते है।
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स्तनपान कराएं
मां का दूध जिसे बच्चे के लिए अमृत माना जाता है। यह बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में काफी अहम भूमिका निभाता है। इसके अंदर इम्यूनिटी को चार्ज कर बच्चे को मजबूत बनाने के सारे गुण मौजूद होते हैं। साथ ही इससे बच्चे को संक्रमण, एलर्जी, निमोनिया, दिमागी बुखार, मूत्र मार्ग में संक्रमण की समस्य़ा और शिशु मृत्यु सिंड्रोम के खिलाफ लड़ने में सहायता मिलती है। साथ ही कई अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है की मां का दूध बच्चे के दिमाग की शक्ति को बढ़ाने और इंसूलिन निर्भर मधुमेह, कोलाइटिस और कैंसर से रक्षा करने में मदद करता है। इसलिए हर मां को अपने बच्चे को करीब 6 माह तक अपने स्तनों से निकलने वाला गाढ़ा पीला दूध जरूर पिलाना चाहिए। इससे बच्चा काफी मजबूत बनता है।
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बच्चों के साथ एक्सरसाइज करें
अगर आप जिंदगी भर अपने बच्चे को फिट देखना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कुछ काम भी करने पड़ेंगे। उसके लिए सबसे जरूरी है की घर के बड़े सदस्य बच्चों के लिए उनके रोल मॉडल बनें। साथ ही खुद जब कभी व्यायाम करें तो बच्चों को भी अपने साथ एक्सरसाइज कराएं। इससे बच्चों को व्यायाम करने की आदत तो पड़ेगी ही जिससे वह हमेशा फिट बने रहेंगे। इसके अलावा नियमित व्यायाम करने से कई शोधो में ये बात सामने आई है की कोशिकाओं की संख्या में भी इजाफा होता है। वैसे आप चाहें तो एक्सरसाइज की जगह पर अपने बच्चे को लंबी वॉक, लाइन स्केटिंग, बास्केट बॉल और टेनिस आदि में शामिल कर सकते हैं। बच्चे को इन कसरतों से भी लाभ मिलेगा।
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बच्चे की नींद के वक्त को बढाएं
छोटे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा नींद की जरूरत होती है। ऐसे में आपको चाहिए की आप अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उसे ज्यादा से ज्यादा सुलाने की कोशिश करें। वहीं अगर थोड़ा सा बड़ा है तो उसे 12 से 13 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि देखा जाता है की नींद ना पूरे होने के कारण बच्चों की इम्यूनिटी पर असर पड़ता है वो कमजोर हो जाते है। जिस वजह से बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते हैं। वहीं कई बार तो रोगाणु देखा जाता है की कैंसर कोशिकाओं पर हमला कर बड़ी बीमारियों को निमंत्रण दे देते हैं। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत देखना चाहती है। तो उनकी नींद का पूरा ख्याल रखें। वहीं अगर बच्चा दिन में नहीं सो रहा है तो उसे शाम को सही समय पर जल्दी सुला दें।
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साफ-सफाई का ध्यान रखें
बच्चों में देखा जाता है की खांसी और बुखार जैसी संक्रमण बीमारी बहुत जल्दी घेरती है। ऐसे में हर माता-पिता को अपने बच्चों को इन सबसे बचाकर रखना चाहता है। लेकिन बच्चों की हर चीज पर ध्यान रखना भी काफी मुश्किल काम होता है। ऐसे में जरूरी है की आप उनको उनकी छोटी-छोटी बातों के बाद बड़ी-बड़ी बातें भी सिखाएं। बच्चों को सिखाएं की कैसे अपनी हर चीज को साफ सफाई के साथ रखना चाहिए। कैसे परिवार के लोग अपना टूथब्रश, तौलिया आदि साफ रखते हैं। कैसे आपको अपने खिलौनों की सफाई करनी चाहिए। यह बातें आपको बच्चों को समय-समय पर बताते रहना चाहिए। बच्चों को बताएं की खाने से पहले हाथ धोने चाहिए। नाक बहने पर रूमाल का इस्तेमाल करना चाहिए। कैसे पालतू जानवर हैंडलिंग करना चाहिए और बाहर से खेलते समय आते ही बाथरूम का उपयोग करना चाहिए। इस तरह आप अपने बच्चे को साफ सफाई के प्रति जागरूक कर सकती है। जिससे वह कई संक्रमित बीमारियों की चपेट में आने से भी बच सकता हैं।
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नकली धुएं से बच्चों को दूर रखें
नकली धुएं से आप हमारा तात्पर्य तो समझ ही गये होंगे कि हम कौन से धुएं की बात कर रहे हैं। फिर भी हम आपको बता देते हैं कि हम धूम्रपान वाले धूएं की बात कर रहे हैं जिन्होने आधी से ज्यादा आबादी को अपने चंगुल में फंसा रखा है। आपको पता ना हो तो बता दें कि इस धूम्रपान वाले धूएं से बच्चों की सेहत पर काफी गहरा नुकसान पहुंचता है। जो कि ज्यादा सेसेंटिव यानि अतिसंवेदनशील बच्चों के रोग नियंत्रण की शक्ति यानि इम्यूनिटी को प्रभावित करता है। इसमें कई तरह के ऐसे विषाक्त पदार्थ शामिल होते हैं। जिनकी वजह से बच्चे की सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है। बता दें कि आप अगर धूम्रपान करते हैं तो अपने बच्चे से एक दूरी बनाकर इन चीजों को करें। नहीं तो निकट भविष्य में बच्चों को अस्थमा और कान में संक्रमण तंत्रिका जैसी कई बीमारियां घेर सकती हैं।
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डॉक्टर पर प्रेशर ना डालें
देखा जाता है की कई मां-बाप अपने बच्चों को लेकर काफी सेंसेटिव होते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है की जो माता-पिता अधिक नहीं दिखाते उन्हें अपने बच्चों से प्यार नहीं होता। लेकिन कई बार ऐसा होते हैं कि अपने बच्चों की थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर माता-पिता चिंता में आ जाते हैं। वह तुरंत अपने बच्चे को लेकर सर्दी, फ्लू की शिकायत होने पर डॉक्टर को जल्द से जल्द उसे सही करने का आग्रह करने लगते हैं जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द डॉक्टर उनके बच्चे को एक एंटीबायोटिक दे जिससे उनका बच्चा जल्दी ठीक हो जाए। लेकिन आपको बता दें कि ज्यादातर एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारियों का ही इलाज करते है। लेकिन बचपन में ज्यादातर बीमारियां बच्चों को बैक्टिरिया नहीं बल्कि वायरस के कारण होती हैं। इसलिए कभी भी डॉक्टर पर किसी प्रकार का दवाब ना डालकर उन्हें अपने हिसबा से बच्चे का इलाज करने दें। साथ ही बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चों को किसी भी तरह की दवा देने की कोशिश बिल्कुल ना करें।
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उपर दिए गये सुझाव का पालन करते हुए बच्चों के साथ-साथ कुछ हद तक बड़ों की भी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है और कई संक्रमण तथा मौसम परिवर्तन वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।