इन 5 फूड्स से जुड़े मिथक को आप भी जानें

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आज के समय में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने लगें है और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वो ऐसे आहारों का सेवन करते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वास्थ्यवर्धक मानें जाते है, पर वो इनके गुणों से अनजान उन्हें सही मान बैठते हैं, ये सभी आहार खानें की दृष्टि से गलत भी साबित हो सकते है। आज हम आपको ऐसे ही 5 आहार के विषय में बता रहें हैं जो आपके स्वास्थ्य के प्रति निराधार है, पूरी जांच के बाद बता चला है कि शरीर के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए अपनाए जानें वाले ये आहार आपके लिए किसी भ्रम से कम नहीं हैं, तो जानें इन आहार के बारें में…

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1. सूजी (रवा सूजी ) – हमारे यहां अधिकांश लोग बीमारी के समय सूजी खाना ज्यादा पसंद करते है। क्योंकि उनके अनुसार इसमें फौष्टिक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो स्वास्थ्य के लिए सही होती है, इसलिए घरों में ज्यादा सूजी का उपयोग हलवा, पास्ता या उपमा के तौर पर किया ही जाता रहता है और इसलिए सूजी को बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक खाद्यवस्तुओं की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन लोगों को पता नहीं है कि सूजी सिर्फ रिफाइंड आटा या मैदा का बारीक रूप है। इसमें मुख्य रूप से चार मुख्य घटकों का समावेश होता है। भूसी, चोकर, एण्डोस्पर्म और रोगाणु। क्योंकि साबुत अनाज को जब milled किया जाता है तो उस में से पौष्टिक रेशेदार चीजें अलग कर दी जाती है और उनके छिलके से निकला चोकर ही खाली बच पाता है और यही आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

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2. शुद्ध जैतून के तेल से खाना पकाना गलत है
अक्सर घरों में देखा जाता है कि जैतून के तेल का उपयोग लोग खाना बनाने के लिए करते हैं, पर जिस तरह से आप सोच रहें हैं कि ये शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है तो ऐसा सोचना गलत है, क्योंकि जैतून का तेल काफी गर्म तासीर का होता है और गर्म तासीर होने के कारण जब इसे और अधिक गर्म किया जाता है तो गर्म तेल होने के कारण उसका पोषण कम हो जाता है।

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3. चीनी की अपेक्षा लिए शहद एक बेहतर विकल्प है
हालांकि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शहद में प्राकृतिक मिठास पाई जाती है। इसमें काफी मात्रा में ग्लाइसेमिक पाया जाता है, इसलिए इसकी गुणवत्ता को देखकर लोग चीनी का अपेक्षा इसका सेवन करना बेहतर समझते हैं। पर ये सोचना बिल्कुल गलत है। इसके लिए आप शहद को स्विच कर सकती हैं, क्योंकि यदि इसकी जांच की जाए तो चीनी की तुलना शहद में अधिक कैलोरी पाई जाती है। 1 बड़े चम्मच शहद में 65 कैलोरी का मात्रा होती है तो वहीं 1 बड़े चीनी में 46 कैलोरी पाई जाती है।

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4. देसी घी भी हो सकता है घातक
देसी घी हमेशा भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। इसका उपयोग भारत में खूब किया जाता है। जो शरीर के खराब करने का भी कारण बनता है। हाल ही में किए गए एक शोध के मुताबिक देसी घी में 65% संतृप्त वसा और 32% MUFA या मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की काफी मात्रा पाई जाती है, यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता हैं। देसी घी की अपेक्षा सूरजमुखी का तेल, कपास और मक्के के तेल का उपयोग खाना पकाने के लिए बेहतर विकल्प है।

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5. सेब और केले में आयरन का पाया जाना
ज्यादातर लोगों को यह भ्रम है कि सेब और केले का सेवन करने से आयरन प्राचुर मात्रा में मिलता है। जो जल्द ही हमारे शरीर में ऑक्सीकरण करने लगता है। पर ये सोचना गलत है कि सेब और केले में आयरन की मात्रा पाई जाती है। जबकि सच्चाई यह है कि सेब और केले में न तो फाइबर होता है ना ही लोहे । सेब और केले में रंग के परिवर्तन लोहे की वजह से नहीं होता है बल्कि इनमें मौजूद कुछ एंजाइमों के कारण होता है।

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