आज के समय में दुनिया भर में भारतीय मसालों का उपयोग किया जाने लगा है क्योकि भारतीय मसालों में छिपे हुए है कई प्राकृतिक औषधिय गुण जो हमारे शरीर को ना जाने कितने प्रकार की बीमारियों से दूर कर सकते है। इसके साथ ही इससे हमारी सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। रसोई में उपयोग किये जाने वाले मसाले शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है और कई तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते है कई मसालों में एंटीबायोटिक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो बुखार सर्दी खांसी उल्टी जैसी बीमारियों को दूर करती है। आइये जानते है वो 5 प्राकृतिक मसाले जो आपकी रसोई की जान बने हुए है।
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दालचीनी
हमारी रसोई में पाई जाने वाली दालचीनी प्राकृतिक गुणों से भरपूर होती है जिसके कारण इसका उपयोग रसोई के गरम मसालों के साथ साथ औषधि के रूप में किया जाता है। यह रसोई में पाया जाने वाला एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। इसमें प्राकृतिक रूप से शर्कारा की मात्रा पाई जाती है जो मधुमेह लोगों के लिये काफी फायदेमंद होती है यह रक्तचाप को स्थिर रखने के साथ का उपयोग गरम मसालों और औषधि के रूप में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी यानी सिन्नेमोमम बेहद फायदेमंद है ये रसोईघर का ऐसा मसाला है जिसका उपयोग कई तरह से किया जा सकता है. दालचीनी दुनिया भर में शेफ स्वाद को बढ़ाने के काम आती है साथ ही में ये रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के साथ कोलेस्ट्रॉल की समस्या, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कैंसर, पीसीओ, अल्सर, योनि खमीर संक्रमण,जैसी बीमारियों को दूर करने में काफी मदद करता है। इसके साथ ही शरीर में होने वाले घाव को शीघ्र ही स्वस्थ कर उसे पूरी तरह से भर देता है।
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दालचीनी का उपयोग
दालचीनी एक ठोस लकड़ी की तरह होती है इसका उपयोग पीस कर या फिर इन लकड़ियों को आप ऐसे भी डाल सकते है। इसे आप लंबे समय तक ना रखें या फिर एयर कंटेनर में स्टोर करके रखें। काफी लंबे समय तक इसका उपयोग करने से यह चिपक जाती है इसलिये यह जितनी जल्दी हो सके इसका उपयोग कर लें।
2. हल्दी
प्राचीन समय से उपयोग की जाने वाली हल्दी में प्राकृतिक गुण काफी मात्रा में पाये जाते है जो हमारे शरीर की कई तरह की बीमारियों के दूर कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। अपने इन्ही गुणों के कारण इसका उपयोग अब दवा के रूप में और सौंदर्य प्रसाधन में महिलओं के चेहरे में निखार लाने के लिये भी इसका उपयोग किया जाने लगा है। हल्दी में एक अच्छे एंटी-सेप्टिक गुण होने के कारण यह शरीर की कई तरह की बीमारियों को दूर कर कमजोरी में फायदेमंद होता है। शरीर में होने वाली सूजन, घाव को भरने में यह काफी अच्छी दवा के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। इसके साथ ही अस्थमा, कोलाइटिस, कैंसर, अवसाद, मधुमेह, नेत्र संक्रमण, गोंद रोग, हृदय रोग और कई भी कई बीमारियो को दूर कने में यह रामबाण के समान काम करता है।
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हल्दी का इस्तेमाल-
यह जमीन के अंदर पाई जाने वाली हल्दी काफी ठोस होती है जिसका उपयोग हम मसालों के रूप में करते है और चेहरे को साफ करने के लिये भी इसके पाउड़र का उपयोग किया जाता है ज्यादातर यह पैकेट में बाजारों में आम रूप से मिल जाती है। इसकी सुंगध एंव गुणों को बचाये रखने के लिये इसे हवा बंद डिब्बें में रख कर ही इसका उपयोग करें।
3. धनिया
भारतीय व्यजनों की शान और स्वाद को बढाने के लिये धनिया पत्ती का उपयोग ज्यादातर खाने को सजाने के लिए किया जाता है और इसके अलावा धनिया की हरी पत्ती का उपयोग हो या फिर उसके बीजों का इसका उपयोग हर घरों में किया जाता है। क्योकि इसमें कई प्राकृतिक गुण पाये जाते है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते है। धनिया की पत्ती हो या फिर धनिया के बीज इसमें पाये जाने वाले तत्व मैगनीज, आयरन, और मैग्निशियम जैसे तत्व प्राकृतिक रूप से विद्मान रहते है। इसके अलावा इसमें प्रोटिन्स विटामिन्स के भी आवश्यक तत्व पाये जाते है। जो हमारे शरीर की पाचन क्रिया को ठीक रखने के साथ लीवर को भी मजबूती प्रदान करते है। यह शरीर के कोलेस्ट्राल को कम कर मधुमेह जैसी बीमारी को बढ़ने से रोकता है। आप दस्त, कब्ज, सूजन, किसी भी प्रकार की पेट की परेशानी को दूर करने के लिये कर सकते है यह तुंरत ही राहत देने का काम करता है। इसके अलावा यह अनिद्रा, एक्जिमा, उच्च रक्तचाप और जिगर की बीमारियों को कम करने के लिए काम करता है।
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कैसे करें धनिया का उपयोग?
धनिये का उपयोग करने के लिये आप इसके बीजों को खरीद कर घर पर ही पीसकर इसका उपयोग कर सकते है। आजकल यह बाजार में आपको कई ब्राड़ों में मिल सकती है। इसका उपयोग करने के लिये सब्जियो का स्वाद बढ़ाने के लिये एक चम्मच धनिया पाउड़र ही काफी होता है।
4. काली मिर्च
काली मिर्च का उपयोग हर घरों में भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिये किया जाता रहा है यह हमारे भारतीय मसालों को एक अहम हिस्सा माना जाता है। क्योकि इसमें छिपे प्राकृतिक गुण हमारे भोजन का स्वाद ही नही बढ़ाती है बल्कि कई बीमारियों को दूर करने में यह रामबाण के समान कार्य करती है। कई औषधिय गुणों की एक दवा के रूप में जाने वाली काली मिर्च बैक्टिरिया वायरस आदि का नाश कर शरीर को स्वस्थ बनाने का काम करती है। इसका सेवन करने से यह पाचन क्रिया को सुधार कर पेट की खराबी, सर्दी और फ्लू के सुधार में मदद करती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार के घाव से लगातार बहते खून को बंद कर उसे भरनें में काफी मदद करती है।
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काली मिर्च का उपयोग
पारंपरिक भारतीय व्यंजनों में काली मिर्च खाने का स्वाद बढ़ाने के लिये उपयोग की जाती है। इसका उपयोग आप इसके दानों को लेकर या दानों को पीसकर दोने तरह से कर सकते है।
5. अदरक
हमारे भारतीय व्यजनों में अदरक का उपयोग काफी पुराने समय से होता आया है। यह भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ साथ कई बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग होता आया है। इसके सेवन ने सर्दी खांसी जुकाम जैसी बीमारिया दूर हो जाती है। कई प्राकृतिक गुणों की खान के रूप में उपयोग किये जाने वाला अदरक शरीर को स्वस्थ कर सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दस्त की समस्या को दूर करने के लिये यह एक शानदार उपाय है। पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के साथ यह दिल का दौरा, गठिया, अपच, माइग्रेन, और ईर्ष्या के लक्षणों को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
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अदरक का उपयोग
ताजा अदरक की जड़ हर समय आपको बाजार में मिल सकती है इसे लेकर आप फ्रिज में ऱखकर काफी समय तक इसका उपयोग कर सकते है अदरक के सूख जाने पर इसका पाउडर भी बनाकर आप उपयोग में ला सकते है। अदरक हमारे शरीर के लिये कई लाभकारी गुणों की एक दवा के रूप में इसका उपयोग किया जाता है।