कई बार देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को यूरिन का प्रैशर काफी अधिक रहता है। यह परेशानी तीसरे माह के बाद अधिक बढ़ जाती है। वैसे ये समस्या काफी आम रहती है। गर्भावस्था में जब माह दर माह समय बढ़ता है तो दिक्कत और भी बढ़ जाती है। एक समय तो ऐसा आ जाता है कि खांसने, छींकने और भारी सामान उठाने पर भी यूरिन का प्रैशर बन जाता है। इस दौरान जब मूत्राशय पर दबाव पड़ता है तो महिलाओँ की यूरिन की इच्छा बढ़ती है। ऐसे में अगर आप सोच रहीं है कि इस परेशानी का क्या हल है तो फिर्क मत कीजिये हमारे बताएं ये इजी टिप्स आपकी इस परेशानी को काफी हद तक कम कर देगी।
इस उपायों को अपनाएं –
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1. जब भी आपको यूरिन का प्रैशर बने तो तुरंत बाथरुम जाएं और कोशिश करें कि पूरा समय लेकर अपने मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करें। इससे आपको जल्दी प्रैशर नही बनेगा।
2. गर्भावस्था में योग एक ऐसा माध्यम है जो आपकी कई परेशानियों को हल करता है। आपकी इस समस्या के लिए कीगल व्यायाम सबसे अधिक उपयोगी रहेगा। इससे न सिर्फ आपके यूरिन की परेशानी हल होगी बल्कि आपका फीगर भी सही शेप में आ जाएगा।
3. अगर खांसते या छींकते समय आपका प्रैशर बनता है तो उस दौरान कीगल कर लें या फिर अपनी टांगो को मोड़ ले।
4. इस अवस्था में मूत्राशय पर दबाव के बढ़ने के चलते यूरिन का रिसाव होना आम रहता है। ऐसे में आप अपनी पेंटी में लाइनर लगा सकती है।
5. आपको बता दें कि इस अवस्था में अगर आप समय पर बाथरुम नही जाती है तो आपके ब्लैडर पर दबाव बढ़ जाता है। इसलिए प्रैशर पड़ने पर तुरंत बाथरुम जाएं
6. अगर आपको बार बार प्रैशर बन रहा है तो कोशिश करें कि उसे नियंत्रित करें। इसके लिए आप अपनी रुटिन में थोड़ा बदलाव कर सकती है। जैसे कि हर एक घंटे में बाथरुम जाने की बजाए आधे घंटे बाद जाएं। इसके बाद आप दिन प्रतिदिन इस समय को बढ़ाती रहें इससे आपकी एक अच्छी आदत बन जाएगी।
7. गर्भावस्था में पानी पिना बहुत जरुरी हो जाता है। इसलिए दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरुर पिएं, क्योंकि इससे आपकी यूरिन की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और आपकी योनि मार्ग में संक्रमण का खतरा भी नही रहता है।