अपने देश में बहुत से किले हैं और उनमें से आपने बहुत से किलों की यात्रा की भी होगी। साफ़ बात यह है की अपने देश में प्राचीन काल के अगर आप भी रोमांच और इतिहास को जानने का शौंक रखते है और अपनी छुटियों में किसी ऐसी जगह की तालाश कर रहें है जहां आपको ये दोनो चीजें मिल जाए तो हरिहर किले की यात्रा जरुर करें। आपको बता दें कि इस किले तक पहुंचने तक का सफर आपकी यात्रा को बेहद रोमांचकारी बना देता है। रास्ते के सुन्दर नजारे आपके सफर को और भी सुहावना बना देते है, तो चलिए आपको बताते है हरिहर किले के बारे में
रोमांचक है यात्रा
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“हरिहर किला” महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में स्थित है। इस किले को हर्षगढ़ किले के नाम से भी जाना जाता है। यह किला काफी ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यही कारण है कि यहां पहुंचने के लिए अच्छी खासी ट्रैकिंग करनी पड़ती है, जो इस सफर को रोमांचक बना देती है। इस किले तक पहुंचने के लिए जो रुट है वह एडवेंचर प्रेमियों को बहुत पसंद आता है। इस किले की यात्रा करना इतना रोमांचपूर्ण होता है कि कई बार यहां आने वाले लोग बीच में ही अपनी यात्रा को विराम दे देते हैं। इस यात्रा में कुछ ऐसे पहाड़ी मोड़ आते हैं जिन पर बहुत संभल कर चलना होता है क्योंकि एक गलत कदम किसी को भी मौत के मुंह में पहुंचा सकता है। पहाड़ी पर बसे इस किले की यात्रा आप में रोमांच जगा देती है।
117 सीढ़ियां चढ़ने पर आता है किला
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यह किला दूर से देखने पर प्रिज्म के आकार का दिखाई पड़ता है। पहाड़ी पर स्थित इस किले की ऊंचाई जमीन से 170 मीटर है। किले तक पहुंचने के लिए आपको 117 सीढ़ियों पर चढ़ाई करनी होती है जो कि पत्थरों को ही काट कर बनाई गई है। इस किले की यात्रा को पूरी करने के लिए 2 दिन का समय लगता है। रोमांच को पसंद करने वाले बहुत से लोग इस किले की चढ़ाई करते हैं और घूमने का आनंद लेते हैं। आप कभी नासिक जाएं तो इस किले में अवश्य जा कर आएं।
कैसे पहुचें हरिहर किले तक
हरिहर किले तक पहुंचने के लिए आपको नासिक जाना पड़ेगा। नासिक से यह किला करीब 42 किलो मीटर आगे है। नासिक से आप गाड़ी या बस के जरिये इस किले तक पहुंच सकते हैं। नासिक रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख मार्गों तथा राज्यों से जुड़ा है और यहां से करीब भी है।