गर्मियां आते ही लोग अपनी छुट्टियों किसी अच्छी और ठंडी जगह बिताने का प्लान बनाने लगते हैं। बहुत से लोग इसके लिए काफी दूर दूर के स्थान को खोजते हैं तो कुछ लोग अपने बजट के अनुसार पास के ही किसी अच्छे स्थान पर जानें का प्लान करते हैं। पास के स्थान में जानें का एक सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप का बजट भी नहीं बिगड़ता और आप कुछ अच्छा समय बिता पाते है। आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में जानकारी दे रहें हैं, जो आपके काफी पास पड़ेगा तथा यहां आपका बजट भी सही बना रहेगा।
यह स्थान उत्तराखंड का है। इसका नाम है “कौसानी”, देखने में यह स्थान बेहद खूबसूरत तथा सुंदर है। चारों और हरी भरी पहाड़ियां तथा ऊंचे ऊंचे पर्वतों से घिरा यह स्थान अपने आप में अनोखा है। महात्मा गांधी ने इस स्थान की तुलना “धरती के स्वर्ग” से की थी। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘अनासक्ति योग’ को कौसानी में लिखा था। इस स्थान का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है। यही कारण है कि लोग इस स्थान पर घूमने के लिए दूर दूर से आते हैं। आइये जानते हैं इस स्थान के कुछ दर्शनीय स्थानों के बारे में।
1 – सुमित्रा नंदन पंत संग्राहलय
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सुमित्रा नंदन पंत, भारतीय ज्ञान पीठ से सम्मानित हिंदी साहित्यकार थे। उनका जन्म इसी स्थान पर हुआ था। यहां पर उनका संग्राहलय भी बना हुआ है, जिसमें उनके लेखन की पांडुलिपियां तथा पत्र आदि चीजें रखी हुई हैं। आप इस संग्राहलय को यहां देख सकते हैं। यह कौसानी बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
2 – पिनाकेश्वर
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यह पिकनिक मनाने के लिए एक बहुत सुंदर स्थान है। बहुत से लोग इस स्थान पर ट्रैकिंग करने के लिए आते हैं। इसके पास ही हरिया तथा बूढ़ा पिनाकेश्वर तथा गोपालकोट नामक बहुत सुंदर स्थान हैं। यह स्थान कौसानी से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है।
3 – अनासक्ति आश्रम
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अनासक्ति आश्रम असल में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि स्वरुप बनाया गया था। इसी स्थान पर महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक अनासक्ति योग का लेखन किया था। वह कौसानी के सौन्दर्य से बहुत ज्यादा प्रभावित थे। इस आश्रम में उनकी कुछ चीजें भी रखी हुई हैं।
4 – कोट ब्रह्मरी
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कोट ब्रह्मरी भी कौसानी का ही एक स्थान है। इस स्थान पर देवी दुर्गा का एक मंदिर है जो उनके भ्र्मर अवतार को प्रदर्शित करता है। अगस्त माह में इस मंदिर में 3 दिन तक मेले का आयोजन होता है। बहुत लोग इस मेले का हिस्सा बनते हैं।
5 – पिंडारी ग्लेशियर
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यह ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छी जगह मानी जाती है। इसकी ऊंचाई 3820 मी है। यहां ट्रैकिंग के लिए देश विदेश से बहुत से लोग आते हैं। यहां पहुंचने के लिए आपको पहले वागेश्वर आना पड़ता है जो कि कौसानी से 39 कि.मी पड़ता है। इसके सबसे निकट स्टेशन काठ गोदाम है जो कि कौसानी से लगभग 142 किमी दूर है। काठ गोदाम से आप बस की सहायता से यहां पहुंच सकते हैं। दिल्ली के आनद विहार बस अड्डे से प्रतिदिन कौसानी के लिए कई बसे भी चलती हैं। इसके अलावा समीपवर्ती राज्यों से भी आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।