आज के समय में बच्चे दादा-दादी की कहानियों के साथ ही अपने वास्तविक जीवन से भी कोसों दूर होते जा रहें हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण है आज की तकनीक व्यवस्था। आज के समय के बढ़ते नेटवर्क ने लोगों की जिंदगी को जितना अधिक आसान बनाया है, उतना ही हमारे हर रिश्तें को दूर भी किया है।
जिसके चलते आज के समय का बच्चा दादा-दादी की परियों की कहानियों से दूर, टीवी की कार्टून फिल्मों को देखकर ही अपना बचपन बिता रहा है। टीवी पर आने वाले कार्टून बच्चे की जिंदगी में कैसा प्रभाव डालते है, इसके बारे में क्या कभी आपने सोचा है? यदि नहीं तो आपको बता दें कि एक शोध के अनुसार पता चला है कि कार्टून देखने से बच्चों के शारीरिक से लेकर मानसिक गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे उनके अंदर हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ने लगती है। इसके अलावा बच्चों की काल्पना शक्ति पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। आज हम बता रहें हैं कार्टून देखना बच्चों के जीवन को किस तरह से प्रभावित कर रहा हैं, जाने इसके बारे में..
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1. कार्टून की आवाज में बात करना
आज के समय के हर बच्चे कार्टून सो को देखने के इतने दिवाने बन चुके है कि वो रियल लाइफ में भी उसी के अनुसार बर्ताव करने लग जाते है। कार्टून कैरेक्टर की आवाज में ही एक-दूसरे से बात करना या उन्हीं के अनुसार गतिविधियों को करने से, उनके मानसिक स्तर पर गलत प्रभाव पड़ता है।
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2. आंखे कमजोर
बच्चों का सारा दिन टीवी के सामने कार्टून देखते ही बीतता है, जिससे उनकी आंखे कमजोर होने लग जाती है। इसलिए आज के समय में काफी कम उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग जाता है।
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3. खान-पान की गलत आदतें
टीवी देखने से बच्चें गलत आदतें सीखने लगते है। जैसे कार्टून में जिस तरह के खाने को दिखाया जाता है, बच्चा भी उसी की अनुरूप खाने की मांग करता है। जिससे उनका शारीरिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है।
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4. लड़ाई
कार्टून शों को देखने से बच्चों में हिंसा की प्रवृत्ति जाग्रत होती है। जिससे वो हमेशा लड़ाई-झगड़ा मारपीट करना ज्यादा पसंद करते है। इससे उनमें शिष्टाचार की भावनाएं खत्म होने लगती है।