महिला दिवस पर विशेष: हर क्षेत्र में कदम बढ़ाती आज की भारतीय नारी…

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प्राचीन काल से लेकर आज तक पुरूषों के साथ बराबरी का दर्जा निभाती आ रही महिलाओं की ताकत को भले ही कोई ना पहचान पाया हो, पर इस बात से सभी लोग भली-भांति परिचित है कि महिलाओं के बिना दुनिया अधुरी है। इनके बिना दुनिया का निर्माण अधूरा है।

आज महिला दिवस के इस खास दिन पर हम महिलाओं की वो ताकत को बता रहें हैं, जिसने घर के भीतर की चार दिवारी के अंदर ही नहीं बल्कि, हर क्षेत्र में कामयाबी का झंडा गाड़ा बुलंद किया है। आज उसी ताकत के सामने देश विदेश के लोग भी सिर झुकाने को मजबूर है। आज आप जानें कुछ ऐसी ही महिलाओं के बारे में…

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1- इंदिरा गांधी- 

सबसे पहले हम शुरूआत करते है इंदिरा गांधी से जिसकी ताकत के सामने देश-विदेश के लोग भी हार मान जाते थे। तभी तो लोग उन्हें ऑयरन लेडी के नाम से जानते थे, पूरे विश्व में भारत का नेतृत्व करते हुए इंदिरा गांधी ने ये साबित कर दिखाया था कि पुरूष की ताकत से ही देश की बागडोर नहीं संभाली जा सकती है। एक महिला भी देश को चलाने में पूर्ण रूप से सक्षम है, इंदिरा ना ही सिर्फ भारतीय राजनीति पर छाईं बल्कि उन्होंने विश्व राजनीति में भी ऐसा इतिहास रचा है जिसे आज तक कोई छू तक नहीं पाया हैं, इसीलिए इन्हें लोग लौह-महिला के नाम से भी जानते हैं।

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2. सुषमा स्वराज-

आज के समय की उभरती इस तस्वीर के सामने आने से देश विदेश के लोग भी थर्रा जाते है। ये वो ताकतवर महिलाओं में से एक हैं। जिसकी दिमागी ताकत और बुलंद तीखे स्वर से ही विपक्ष पार्टी वालों से लेकर विदेशी लोगों की हालत ढीली हो जाती है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वाक कला से विपक्षी भी कायल हो जाते हैं।

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3. आईपीएस ऑफिसर ईशा पंत-

ये देश की ऐसी वीर महीला है, जिसकी पहचान आज के समय में एक तेज-तर्रार अफसर के रूप में होती है और इतना ही नहीं उसके सामने आने से बड़े से बड़े अपराधियों के रोगंटे खड़े हो जाते है। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में लेडी सिंघम के नाम से जाने जानी वाली ईशा पंत ने अपने अपूर्ण कौशल के बल पर यहां सालों से चल रहे ड्रग के धंधे को बंद करा कर बड़े-बड़े अपराधियों के बीच खलबली मचा दी थी। इस दबंग आईपीएस अफसर ने इस धंधे पर अंकुश लगा दिया था। ग्वालियर के 14वें बटालियन में बतौर कमांडेंट के पद पर तैनात ईशा को उसके इस वीर कारनामे के देखकर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस- देश की असली मर्दानी आईपीएस महिलाएं

4. भारती अरोड़ा (आईपीएस)-

महिला बाल विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी हुई देश की 100 सफलता की मिशालों में भारती अरोड़ा का नाम भी चुना गया था। जिसके लिए उन्हें 22 जनवरी को राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया गया। भारती अरोड़ा हरियाणा के पॉपुलर अफसरों में से एक गिनी जाती हैं। ये काफी तेज-तर्रार और एक ईमानदार अफसर है। आज के समय में आईपीएस भारती अरोड़ा स्पोर्ट्स स्कूल राई की पहली महिला आईपीएस प्रिंसिपल के रूप में पदस्थ हैं। इस पोस्ट के लिए हरियाणा गवर्मेंट ने 43 लोगों को रिजेक्ट किया था।

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5. दीपा करमाकर-

2016 में हुए रियो ओलम्पिक भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर रही दीपा करमाकर अकेली ऐसी महीला है, जिन्होंने जिम्नास्टिक में कास्य पदक जीतकर फाइनल में जगह बनाने के साथ ही इतिहास रच दिया। दीपा ने अपनी मेहनत और लगन से ठान लिया था कि इस बार वो अपने देश की झोली में पदक को हासिल करके देश को गौरान्वित करेंगी। जो उन्होंने कर दिखाया। आज देश भी उनके इस हौंसले को सलाम करता है।

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6. दीपा मलिक-

ओलपिंक के जैसे ही विकलांग लोगों की प्रतिभा को निखारने के लिए पैरालंपिक खेल का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी देशों से आए विकलांग खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हैं। इन्हीं के बीच उतरी हमारे देश की बहादुर दीपा मलिक ने अपनी लगन और हौंसले के दम पर साबित कर दिया कि इंसान तन से नहीं मन से विगलांग मन जाता है, यदि मन में कुछ करने की लगन हो तो अंधेरों में भी हम अपनी मंजिल को तलाश कर ही लेते है। इसी बुंलद हौंसले के साथ मलिक ने महिलाओं की गोला फेंक एफ-53 प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त कर भारत के लिए गौरवशाली इतिहास रचा है। अब दीपा मलिक इस पैरालंपिक में भारत को पदक दिलाने वाली देश की पहली महिला बन गई हैं

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