जानें जलेबी का इतिहास, जानकर रह जाएंगी हैरान

-

जलेबी भारत के हर कोने में खाई जाती है। नारंगी, लाल रंग की चाशनी में डूबी जलेबी देख कर हर किसी का मन ललचा जाता है। बड़ी तथा छोटी सभी उम्र के लोग जलेबी को खूब पसंद करते हैं। आपने भी इसका खूब स्वाद लिया ही होगा लेकिन क्या आप इसके इतिहास को जानती हैं। आपको बता दें की जलेबी का इतिहास भी इसकी तरह से गोल गोल ही है। आज हम आपको जलेबी का इतिहास ही बता रहें हैं। आइये जानते हैं इसके इतिहास के बारे में।

यह भी पढ़ें – रस से भरी कुरकुरी मावा जलेबी

अरबी शब्द से बना है इसका नाम –

अरबी शब्द से बना है इसका नामImage source:

आपको बता दें की जलेबी का नाम अरबी शब्द “जलाबिया” या फ़ारसी शब्द “जलाबिया” से बना माना जाता है। “किताब-अल-तबीक़” नामक एक मध्यकालीन पुस्तक में इस शब्द का उल्लेख मिलता है। इस पुस्तक में “जलाबिया” नामक एक मिठाई का वर्णन मिलता है जिसका उद्भव पश्चिम एशिया में बताया गया है। यह किताब वर्तमान में ईरान में “जुलाबिया” के नाम से मिलती है। इस पुस्तक में “जुलुबिया” को बनाने की कई विधियों का उल्लेख मिलता है। इसके अलावा आपको बता दें की 17 वीं शताब्दी की किताब “भोजनकुटुहला” तथा संस्कृत भाषा की किताब “गुण्यगुणबोधिनी” में भी जलेबी बनाने की विधि का वर्णन मिलता है।

भारत में इस प्रकार आई जलेबी –

भारत में इस प्रकार आई जलेबीImage source:

आपको जानकारी दे दें की जलेबी पर्शियन जुबान वाले तुर्की आक्रमणकारियों के द्वारा भारत में आई थी। इस प्रकार से देखा जाए तो जलेबी भारत में करीब 500 वर्ष पुरानी है। बीती 5 सदियों में जलेबी में कई परिवर्तन आये। इस कारण जलेबी का इतिहास एक प्रकार से उसके आकार की ही तरह गोल गोल माना जाता है। विदेशों में जलेबी की काफी धूम है आपको लेबनान में “जेलाबिया” नामक एक पेस्ट्री मिलती है। इसका आकर लंबा होता है। इसी प्रकार से ईरान में “जुलुबिया” तथा ट्यूनीशिया में “जलाबिया” नाम से जलेबी मिलती है। अरब में यह काफी शौक से खाई जाती है। वहां पर इसको “जलाबिया” कहा जाता है। इसके अलावा अफगानिस्तान के लोग भी इसको बहुत पसंद करते हैं। अफगानिस्तान में जलेबी को मछली के साथ खाया जाता है। इस प्रकार से देखा जाएं तो भारत में जलेबी पार्शिया से आई है तथा यह दुनियां के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग नामों से आज भी बिकती है।

Share this article

Recent posts

Popular categories

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments