सावन का महीना आते ही रिमझिम फुहार होने लगती है और चारों तरफ हरियाली छा जाती हैं, साथ ही साथ पर्व-त्योहार भी शुरू हो जाते हैं। वातावरण में भोले शंकर की जयकारा गूंजने लगती हैं। इन्हीं त्योहारो के बीच हरियाली तीज मनाई जाती हैं। यह शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती हैं। इस व्रत को खासकर सुहागन स्त्रियां रखती हैं। इसके पीछे शिव-पर्वती के पुनर्मिलन की पौराणिक कथा हैं। इस दिन महिलाएं आस्था-विश्वास के साथ पूजा करती हैं, श्रृंगार करती हैं और हाथों पर मेहंदी लगवाती हैं। शास्त्रों में इस दिन महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार का वर्णन मिलता हैं। जिसमें से एक मेहंदी लगाना भी हैं। इससे महिलाएं सुंदर दिखती हैं, साथ ही तनाव से भी दूर रहती हैं। मेहंदी हाथों को शीतलता प्रदान करती हैं। आइए जानते हैं तीज पर मेहंदी को लगाने के महत्व और इसके फायदों के बारे में…
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1. सावन की शुरूआत (Sawan begings)-
सावन का महीना हिंदी कैलेंडर के अनुसार पांचवां महीना होता हैं। वैसे आपको बता दें कि सावन का महीना 10 जुलाई 2017 से शुरू हो चुका हैं। इस महीने में मदिरा, मांस और खान-पान की कई चीजों से परहेज किया जाता हैं।
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2. मेहंदी लगाना एक परंपरा (Mercantilism)-
आपको बता दें कि सावन के महीने में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता हैं। इस महीने का हर दिन त्योहार के रूप में मनाया जाता हैं। सावन के महीने में माता पार्वती, भगवान शिव और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती हैं। सावन के महीने व हरियाली तीज के मौके पर हाथों में मेहंदी लगाना एक विशेष परंपरा हैं।
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3. मेहंदी के सुर्ख रंग का महत्व –
सावन के महीने में मेहंदी लगाने का बहुत महत्व हैं, कहा जाता हैं कि हाथों में मेहंदी के रंग जितना गहरा होगा, उस लड़की को ससुराल में उतना ही प्रेम मिलेगा।
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4. मेहंदी के औषधीय गुण –
मेहंदी में कई औषधीय गुण होते हैं क्योंकि इसमें शीतलता होती हैं। इसे लगाने से बुखार, सिर दर्द और तनाव से छुटकारा दिलाती हैं। इसके अलावा मेहंदी लगाने से त्वचा संबंधी कई समस्याएं भी दूर होती हैं।
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