पीएसपी और टीवी में से क्या है बच्चों के लिए बेस्ट

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जिस प्रकार समय के साथ साथ हमारे काम करने की चीजें बदलती जा रही हैं वैसे ही हमारे व बच्चों के इंटरटेनमेंट के माध्यम भी बदलते जा रहे हें। पढ़ाई के बाद जब बच्चों के पास खाली समय होता है तो वो उसमे बाहर जाकर खेलना पसंद नही करते बल्कि उसकी बजाय घर पर बैठकर टीवी देखना, पीएसपी, लैपटॉप, फोन इत्यादि को ज्यादा अहमियत देते हैं। इनमे से पीएसपी आजकल के बच्चों का पसंदीदा साथी है। वह लगातार बिना थके घंटो तक इसे खेल सकते हैं। इसके आने के बाद से बच्चों की टीवी के प्रति दिलचस्पी काफी कम हो गई है, मगर क्या ये बदलाव सही है। क्या टीवी के बजाय पीएसपी बच्चों के लिए सही आप्शन है। ज्यादातर माता पिता इस बात को नही समझ पाते। वह इन दोनों को केवल इंटरटेनमेंट का जरिया मानते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है। चलिए जानते है कि आखिर बच्चों के पीएसपी और टीवी में से क्या बेहतर विकल्प है।

पीएसपी के नुकसान :-

पीएसपी के नुकसानImage source:

आपके लिए सबसे पहले यह जान लेना आवश्यक है कि वीडियो गेम्स बच्चों के लिए किसी भी तरह से अच्छी नही होती है। आपको बता दें कि रिसर्च में भी यह साबित हुआ है इस प्रकार के डिवाइस बच्चों के स्वभाव में परिवर्तन लाकर उन्हें गुस्सैल व जिद्दी बना देते हैं। साथ ही जब बच्चे मारधाड़ या फिर कोई भी हिंसातमक गेम खेलते हैं तो इसका सीधा असर उनकी खुद की मानसिकता पर भी पड़ता है, जो नके मानसिक व शारीरिक विकास के लिए हानिकारक है।

a.) नजर कमजोर होती है

 नजर कमजोर होती हैImage source:

टीवी की अपेक्षा बच्चे पीएसपी पर अधिक समय बिताते हैं जिससे उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है। घंटो घंटो गेम्स खेलने से बच्चों की आंखों की रोशनी कम होने का खत्तरा रहता है।

b.) कमर और पेट दर्द की परेशानी

कमर और पेट दर्द की परेशानीImage source:

गेम्स को खेलते समय बच्चों को पता ही नही चलता की वह घंटो घंटो एक ही पोजिशन में बैठे रहते है। इससे उनके पेट और कमर पर दबाव पड़ता है। जिसके कारण उन्हें पेट और कमर में दर्द की शिकायत रहती है। इतना ही नही इन गेम्स के चक्कर में बच्चे खाना तक भूल जाते है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही नही है।

c.) समाज से टूट जाते हैं

समाज से टूट जाते हैंImage source:

अक्सर देखने में आता है कि जो बच्चे गेम्स में ज्यादा मगन रहते हैं वह समाजिक गतिविधियों से कटने लगते हैं। वह हर समय अपनी अलग ही दुनिया में खोए रहते है।

d.) नींद न आना

नींद न आनाImage source:

जिन बच्चों को गेम्स की लत्त लग जाती है उनमे अक्सर अनिद्रा की समस्या पैदा हो जाती है। ऐसे बच्चे रात में सही नींद नही ले पाते जिस कारण वह पूरा दिन परेशान रहते हैं।

2. बच्चों के लिए सही क्या पीएसपी या टी.वी?

वैसे तो अधिकता इन दोनों की बुरी है, लेकिन अगर तुलना की बात की जाए तो टी.वी बेहतर विकल्प है। क्योंकि इसे देखने बच्चों का इंटरटेनमेंट तो होता ही है, साथ ही उन्हें बहुत सी चीजें सीखने को भी मिलती है।

टी.वी देखने के फायदे :-

a.) नई भाषाओं का ज्ञान मिलता है

नई भाषाओं का ज्ञान मिलता हैImage source:

एक तरफ जहां गेम्स का तेज म्यूजिक सुन सुन कर बच्चों के कानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है वहीं टीवी पर बच्चों को कई चीजे सीखने को मिलती है। अलग अलग भाषाओं के चैनल देखकर बच्चे नई भाषाएं सीख पाते है।

b.) फैमिली को भी समय दे पाते हैं

फैमिली को भी समय दे पाते हैंImage source:

आमतौर घरों में पूरा परिवार एक ही स्थान पर बैठकर टीवी देखता है। ऐसे अगर बच्चा गेम्स में लगा रहता है तो वह परिवार से कट सा जाता है। इसलिए टीवी देखने से बच्चे परिवार के साथ एक अच्छा समय बिता पाते हैं।

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