कलाई पर बांधे जाने वाले कलावे में छूपे हैं कई फायदे

-

आपने आजतक देखा होगा की शुभ अवसरों या पूजा-पाठ पर पंडित लोगों के हाथों में मौली या कलावा बांधते हैं। लेकिन क्या कभी आपने इसके पीछे के कारणों के बारे में जानने की कोशिश की है। वैसे कई लोग इसको बांधने के पीछे सिर्फ धार्मिक कारणों को मानते हैं। लेकिन आज हम आपको इसके वैज्ञानिक कारणों और स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कलाई पर मौली बांधना लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है।

आपने आजतक देखा1Image Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/

मौली का शाब्दिक अर्थ
सबसे पहले हम आपको मौली के शाब्दिक अर्थ के बारे में बताने जा रहे हैं। मौली का शाब्दिक अर्थ होता है सबसे ऊपर। हिन्दू घर्म में अगर कोई भी पूजा पाठ, यज्ञ, हवन होता है तो ब्राह्मण द्वारा यजमान के दाएं हाथ में मौली या कलावा बांधा जाता है। शास्त्रों में ऐसा माना गया है की मौली बांधने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों त्रिदेव और तीनों देवियों की कृपा प्राप्त होती है।

मौली का शाब्दिक अर्थ1Image Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/

मौली बांधने की कहां से हुई शुरूआत
मौली बांधने की शुरूआत देवी लक्ष्मी और राजा बलि के द्वारा की गई थी। जैसा की आपको पता होगा की कलावे को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। ऐसे में माना जाता है की कलाई पर इसको बांधने से जीवन में आने वाले संकट से यह आपकी रक्षा करता है। वहीं वेदों में भी इसका बखान किया गया है की जब वृत्रासुर से युद्ध के लिए इंद्र जा रहे थे तब इंद्राणी ने इंद्र की रक्षा के लिए उनकी दाहिनी भुजा पर रक्षासूत्र बांधा था। जिसके बाद वृत्रासुर को मारकर इंद्र विजयी बने और तभी से यह परंपरा चलने लगी।

मौली बांधने की कहां से हुईImage Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/

आपको बता दें कि मौली का यह धागा कच्चे सूत से बना होता है। साथ ही आजकल यह कई रंगों में जैसे लाल, पीले, नारंगी, सफेद आदि का आने लगा है। मान्यता है की इसे हाथों पर बांधे रहने से सुख समृद्धि के साथ बरक्कत भी होती है।

वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिक दृष्टि से अगर मौली के फायदों के बारे में देखा जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। मौली बांधना जहां लोगों को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है। वहीं कलावा बांधने से त्रिदोष-वात, पित्त और कफ का शरीर में सामंजस्य बना रहता है। आपको पता ना हो तो बता दें कि शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण कलाई में होता है। इसका मतलब है की कलाई में मौली बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। साथ ही अगर कोई बीमारी है तो वह भी नहीं बढ़ती है। पुराने जमाने में घर परिवार के लोगों में देखा गया है की हाथ, कमर, गले और पैर के अंगूठे में कलावा या मौली का प्रयोग करते थे। जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी था। वैसे आपको बता दें कि ब्ल्ड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज और लकवा जैसे रोगों से बचाव के लिए भी कलावा या मौली बांधना हितकर बताया गया है।

वैज्ञानिक महत्वImage Source: https://3.bp.blogspot.com/

कलावे को हमेशा पांच या सात बार घूमाकर हाथ में बांधना चाहिए। वैसे आप इसे किसी भी दिन अपने हाथ में बांध सकते हैं। लेकिन मंगलवार और शनिवार को पुरानी मौली उतारकर नई मौली बांधना उचित माना जाता है। साथ ही आपको बता दें कि कभी भी पुरानी मौली का फेंकना नहीं चाहिए बल्कि इसे किसी पीपल के पेड़ के नीचे डाल देना चाहिए।

कलावे को हमेशा पांच याImage Source: https://www.tadtoonew.com/

Share this article

Recent posts

इन 9 आसान तरीकों से कैलोरी करें बर्न वो भी बिना खास मेहनत किए हुए

आज के समय में हर किसी की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है मोटापा। लोग अपने बढ़ते वजन को कम करने के लिए ना...

शरीर के लिए तिल के बेमिसाल फायदे, देगें आपको कई स्वास्थ्य लाभ

तिल का उपयोग काफी पुराने समय से किया जाता रहा है। ये हमारे यहाँ पाई जाने वाली सबसे पुरानी फसलों में से एक है।...

मैनिक्योर से जुड़ी ये 8 गल्तियां पड़ सकती हैं आप पर भारी

लॉकडाउन के समय पार्लर बंद होने की वजह से महिलाओं नें अपने सौन्दर्य से जुड़े हर काम घर पर ही रह कर किए हैं।...

8 बेहतरीन होम मेड मेंहदी हेयर पैक जो आपके बालों में जान डाल देंगे

हमारे बाल किरेटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं जो बालों को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि, ये प्रोटीन प्रदूषण, सूर्य...

चावल के पानी से अपने बालों को बनाएं स्वस्थ और चमकदार, जानें पूरी विधि

आज के समय में अच्छे और स्वस्थ बालों की चाहत हर किसी को होती है पर इसके लिए शायद हमें काफी खर्चा पार्लर में...

Popular categories

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments