बिंदी लगाने से स्वास्थ्य पर होते हैं ये 10 फायदे

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भारत में बिंदी ज्यादातर महिलाएं लगाती हैं, अगर मेरी मां की एक फोटो बनाई गई तो वह चित्र तब तक अधूरा रहता है, जब तक मैं अपनी मां के माथे में बिंदी ना बना लूं। यह केवल मेरी मां के साथ ही नहीं बल्कि हर पारंपरिक भारतीय महिला की निशानी है। बिना बिंदी के उनकी कल्पना करना मुश्किल होता है। जैसे-जैसे हम बढ़ी होती हैं और एथनिक पहनने लगती हैं, तो मां हमेंअक्सर बिंदी पहनने के लिए कहती हैं और मैं उनकी बात को टालना नहीं चाहती हूं और बिंदी लगा लेती हूं। मैंने बिंदी पहनने के पीछे के कई कारण जानने की कोशिश की, लेकिन इसके पीछे मुझे कभी कोई खास कारण नहीं मिला।

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जब मैंने इसके बारे में थोड़ा गहराई में जाकर जाना और इसके बारे में कई तथ्यों और वैज्ञानिक खुलासों के बारे में जाना तो मुझे यह पता लगा कि बिंदी पहनने से हमारे लुक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य को भी अद्भुत फायदे मिलते हैं। तो आइए आज हम आपको बिना इंतजार करवाएं बिंदी के कुछ स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताते हैं।

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बिंदी को परंपरागत रूप से माथे पर भौहों के बीच में लगाया जाता है।

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1 पुनरुद्धार और ध्यान का केंद्र
माथे में जिस जगह हम बिंदी लगाती हैं, वहीं से हमारे शरीर की प्रमुख नसें एक दूसरे को काटती हैं। यह आज्ञा चक्र काफी महत्वपूर्ण होता है। इस बिंदु से हम हमेशा जगे हुए रहते हैं, जैसा कि आप जानते होंगे कि भगवान शिव की तीसरी आंख भी इसी जगह निहित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के कारण यह वह बिंदु है जो कि व्यक्ति को शांत करने के साथ ही तनाव को भी दूर करने में मदद करता है। अगर यह बिंदु सक्रिय रहती हैं, तो इंसान दुनिया की वह चीजें भी देख सकता है, जो कि वह अपनी शारीरिक आंखों से भी नहीं देख सकता है। अगर आप आध्यात्मिक लाभ से बिंदी पहनने के लिए मना करती हैं तो आज हम आपके लिए ऐसे अद्भुत स्वास्थ्य लाभ लेकर आएं हैं, जो कि आपको बिंदी पहनने के बाद महसूस होते हैं।

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2 सिरदर्द का इलाज करता है
एक्यूप्रेशर के सिद्धांतों की बात करें तो हम शरीर के इस बिंदु को दबाकर तत्काल कई परेशानियों से मुक्त हो जाते हैं। ठीक इसी तरह से हम सिर दर्द का इलाज भी कर सकती हैं। इसके पीछे कारण यह है कि यह बिंदु नसों और रक्त वाहिकाओं की मसाज करने से हमारे नर्व्स के जंक्शन को आराम मिलता है।

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3 साइनस की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है
जब कभी आप अपने ट्राईगेमिनल तंत्रिका के विशिष्ट शाखाओं में कुछ दवाब बनाते हैं जो कि नाक और उसके आस-पास के क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन का काम करती है, तो वह उत्तेजित हो जाता है। यह हमारे नाक के आस-पास रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और साइनसाइटिस व सूजन से भी छुटकारा दिलाता है।

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4 आपके चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत बनाकर झुर्रियों से मुक्ति
बिंदी लगाने से हमारे चेहरे की मांसपेशियां उत्तेजित हो जाती हैं, और इससे चेहरे की मांसपेशियों में बल्ड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। आपकी मांसपेशियां में इस तरह से त्वचा में पोषण और यह झुर्रियां को भी कम करने में मदद करता है। इस बिंदु में सुपराट्रोचीलर नर्व होती है, जिसका अर्थ है कि इस बिंदु में दबाव डालने से हमारी त्वचा चमकदार और कोमल हो जाएगी।

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5 बेल पाल्से को ठीक करना
बेल पाल्से एक ऐसी स्थिति है, जहां पर व्यक्ति का चेहरा लकवा मार जाता है। भौहों के बीच के इस हिस्से में मसाज करने से आप इस बीमारी से आसानी से राहत पा सकती हैं। आप जब इन बिंदुओं में मालिश करती हैं, तो ऐसे में यह परेशानी दूर हो जाती है। यह मांसपेशियां अस्थायी तंत्रिका की शाखाओं से जुड़ा हुआ होता है, वह नर्व फाब्रेस तंत्रिका तंतुओं से जुड़ा होता है। बात जब बेल पाल्से की हो तो ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण मांसपेशी होती है।

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6 आंखों की मांसपेशियों को बढ़ाने में मददगार
माथे पर जहां हम बिंदी लगाते हैं, वहां पर एक तंत्रिका होती है जो कि सीधे हमारे माथे के संपर्क में रहता है। यह नर्व आंखों के चारों ओर होती है और हमें अलग-अलग दिशा में देखने में मदद करती हैं। यह मांसपेशियां हमारे पास और दूर दोनों के लिए जिम्मेदार होती हैं। तो इस बात से यह स्पष्ट होता है कि बिंदी लगाने से हमारी आंखों की दृष्टि तेज हो जाती हैं।

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7 सुनने की क्षमता को बढ़ाता है
यह मांसपेशी जो कि हमारे चेहरे को कान तक जोड़ती हैं, इस बिंदु पर मसाज करने से हमारे सुनने की क्षमता भी बढ़कर तेज होने लग जाती है।

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8 आपके भौहों के बीच की फाइन लाइन्स को कम करने में मददगार
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हमारी आंखों के बीच की फाइनलाइन्स बढ़ती जाती हैं, ऐसा आमतौर पर महिलाओं के साथ देखने को मिलता है। लेकिन अगर आप इससे छुटकारा पाना चाहती हैं तो आप जिस जगह पर बिंदी लगाती हैं वहां पर मसाज करें। यह मसाज रोजाना करें। जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि यह वह बिंदु है जहां पर प्रोसीरस मांसपेशियां होती हैं। इस कारण अपने रक्त के प्रवाह बढ़ाने के लिए भी आप अपने माथे पर इसी जगह मसाज करें।

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9 मन को शांत करने में मददगार
आज्ञा चक्र जिसके बारे में पहले भी उल्लेख किया गया है, जो कि हमारे भौंहों के बीच होता है, जो कि चिंता विकारों और तनाव में सबसे अधिक क्षतिग्रस्त होता है। इसलिए बिंदी पहना जरूरी होता है क्योंकि यह हमारे मांसपेशियों के क्षेत्र और नसों को आराम देकर पूरे शरीर को शांत करने में मदद करता है। अपने मन और शरीर को सुकून देने के लिए आप दिन में एक बार इस क्षेत्र में मालिश जरूर कर लें।

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10 अनिद्रा से छुटकारा
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि माथे पर बिंदी लगाने से आपको अनिद्रा से राहत मिलती है। यह हमारे मन को शांत करता है और आपके चेहरे, गर्दन और पीठ की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है। आयुर्वेद का कहना है कि मानसिक तनाव अनिद्रा के पीछे का प्रमुख कारण है। इसलिए कुछ समय के लिए इन बिंदुओं की मालिश करने से अनिद्रा में राहत मिलती है और तनाव से लड़ने की शक्ति भी प्राप्त होती है।

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बिंदी बनाने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री का भी बहुत महत्व होता है
आप बिंदी कहा पहनती हैं, इसी के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि आपकी यह बिंदियां किस सामग्री से बनकर तैयार होती हैं। प्राचीन समय में महिलाएं कुमकुम, चंदन या राख तिलक, विभूति को अपने माथे में भौंहों के बीच लगाते थे, यह ना केवल सौंदर्य के लिए बल्कि हमारे स्वास्थ्य के भी काफी महत्वपूर्ण होता है।

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कुमकुम, हल्दी और लाइम से बनाया जाता है। जब लाइम में हल्दी को मिला दिया जाता है, तो इसका रंग लाल रंग में बदल जाता है। यह सिर दर्द के लिए एक शानदार उपाय है। यह माथे के मांसपेशियों को शांत करता है और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। यह नैचर में हीड्रोस्कोपिक होता है, जो कि सारा पानी अवशोषित कर लेता है, इसी के साथ इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कि इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है।

चंदन में ठंडे़ गुण होते हैं, जो कि हमारे माथे की नसों को शांत करते हैं। यह हमारे दिमाग के साथ ही पूरे शरीर के सिस्टम को भी शांत करने में मदद करता है। माथा हमारे पूरे शरीर का सबसे संवेदनशील क्षेत्र होता है, क्योंकि माथे में सभी प्रमुख नसें मिलती हैं। अगर आप सिरदर्द से परेशान हैं तो ऐसे में आप बिंदी वाली जगह पर चंदन की बिंदी लगा सकती हैं।

राख भी एक तरह का ऐसा पदार्थ है, जिसे बिंदी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बिंदी को बनाने के लिए हमें किसी भी जली हुई चीज से राख को इकट्ठा कर सकते हैं और इसे अपने माथे में लगा सकते हैं।

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